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अधिकारियों ने नहीं सुनी तो आप विधायक पिरमल ने न्यू मोती महल के आगे लगाया धरना

पटियाला पंचायती जमीन की बोली में एससी कैटागरी की जगह जनरल को शामिल करने के एतराज पर जिला बरनाला में आप विधायक पिरमल सिंह की सुनवाई न हुई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 11:56 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 11:56 PM (IST)
अधिकारियों ने नहीं सुनी तो आप विधायक पिरमल ने न्यू मोती महल के आगे लगाया धरना
अधिकारियों ने नहीं सुनी तो आप विधायक पिरमल ने न्यू मोती महल के आगे लगाया धरना

जागरण संवाददाता, पटियाला : पंचायती जमीन की बोली में एससी कैटागरी की जगह जनरल को शामिल करने के एतराज पर जिला बरनाला में आप विधायक पिरमल सिंह की सुनवाई न हुई, तो वे मंगलवार को पटियाला स्थित मुख्यमंत्री निवास न्यू मोती बाग पैलेस के आगे धरना देने पहुंचे। हलका भदौड़ से आम आदमी पार्टी के विधायक पिरमल सिंह सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक न्यू महल के मेन गेट के आगे खड़े रहे। सुनवाई न होने कारण उनको खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।

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धरने पर बैठे विधायक पिरमल सिंह खालसा ने बताया कि गांव पखोकलां जिला बरनाला की 44 एकड़ पंचायती जमीन के कुछ हिस्से की 30 अप्रैल को बोली हुई थी। आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों ने एससी कैटागरी की बजाय जनरल के लोगों को शामिल कर लिया और जमीन का मूल्य ऐसा रखा कि गरीब लोग बोली नहीं दे सके। यह मसला जिले के डिप्टी कमिश्नर, डीडीपीओ और बीडीपीओ के ध्यान में लाया गया, परंतु किसी ने सुनवाई नहीं की। दो दिन सबूत लेकर बरनाला डिप्टी कमिश्नर दफ्तर भी बैठे रहे और सभी सबूत पेश करने के बाद डीसी के कहने पर बोली रद कर दी गई। इस मामले के बारे एससी कमीशन को शिकायत की है। जिन्होंने संबंधित अधिकारी को तलब भी किया। परंतु इस मसले को गंभीरता से न लेकर फिर पंचायती जमीन की बोली वही अधिकारी कर रहे हैं जिन्होंने पहले धक्का किया है। विधायक पिरमल सिंह ने कहा कि बरनाला जिला प्रशासन के पास सुनवाई न होने कारण मुख्यमंत्री निवास पटियाला आए थे परंतु यहां पहुंचते ही एसडीएम और अन्य अधिकारियों ने सिर्फ बात ही की परंतु हल नहीं किया। इंसाफ की आशा थी, परंतु हुए निराश

आप विधायक ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस सरकार की बुरी स्थिति यहीं से ही स्पष्ट हो रही है, जबकि गरीबों को इंसाफ दिलाने के लिए विधायक को भी धक्के खाने पड़ रहे हैं। खालसा ने कहा कि जिला प्रशासन की मनमर्जी के बाद महल से इंसाफ मिलने की आशा थी, परंतु यहां से भी निराशा हाथ लगी है। विधायक ने कहा कि गांवों में अनुसूचित भाईचारे का शोषण हो रहा है और सरकार नींद में हैं और जागना भी नहीं चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार को कुंभकरनी नींद से जगाने के लिए संघर्ष करेंगे।


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