पाजीटिव हुआ, स्वस्थ होकर दोबारा संभाली कमान
कोविड वार्ड में ड्यूटी दौरान कई-कई दिन परिवार से दूर रहना मुश्किल लगता है लेकिन मरीजों को ठीक होकर अपने घर जाते देख दिल को सुकून भी मिलता है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : कोविड वार्ड में ड्यूटी दौरान कई-कई दिन परिवार से दूर रहना मुश्किल लगता है, लेकिन मरीजों को ठीक होकर अपने घर जाते देख दिल को सुकून भी मिलता है। जिसके चलते पिछले साल मेरी पत्नी और मेरे खुद पाजीटिव आने के बावजूद मैंने हार नहीं मानी और ठीक होने के बाद दोबारा से कोविड मरीजों की सेवा करने की ठानी और कोविड से बचाव के लिए एहतियात भी बढ़ा दिए, क्योंकि परिवार में बच्चे और बुजुर्ग भी हैं, इसलिए उनकी सेहत की संभाल रखना भी जरूरी है। इन दिनों में मेरी ड्यूटी कोविड से मरने वाले मरीजों को उनके परिवार को सौंपने कही है। इसमें जहां मृतक मरीज की मौत के बाद उनके रीति रिवाजों का ध्यान रखते हुए शव को रखना होता है। इसके अलावा शव को सही ढंग से चेक करके परिवार को सौंपना होता है ताकि शव किसी गलत परिवार के पास न चला जाए। इसके बाद ड्यूटी खत्म करने के उपरांत पीपीई किट उतारने के बाद खुद को सैनिटाइज करने के साथ-साथ मास्क और गल्ब्ज भी बदलना यकीनी बनाता हूं। इसके अलावा घर पर जाकर भी बिना किसी चीज को छुए पहले नहाता हूं और इसके बाद ही परिवार के पास जाता हूं।