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ठगी के शिकार पूर्व पुलिस मुलाजिम की अपने ही विभाग में नहीं हो रही सुनवाई

पटियाला प्रॉपर्टी डीलर पर ठगी का आरोप लगाने वाले पूर्व पुलिस मुलाजिम की अपने ही विभाग में सुनवाई नहीं हो रही। हेड कांस्टेबल के तौर पर सेवानिवृत्त हुए रणजीत सिंह ने कहा कि पुलिस ने ठगी के मामले में कार्रवाई पर स्पष्ट न कर दी है। इंसाफ के लिए वे पटियाला के तीन एसएसपी को मिल चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 12:14 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 12:14 AM (IST)
ठगी के शिकार पूर्व पुलिस मुलाजिम की अपने ही विभाग में नहीं हो रही सुनवाई
ठगी के शिकार पूर्व पुलिस मुलाजिम की अपने ही विभाग में नहीं हो रही सुनवाई

जागरण संवाददाता, पटियाला : प्रॉपर्टी डीलर पर ठगी का आरोप लगाने वाले पूर्व पुलिस मुलाजिम की अपने ही विभाग में सुनवाई नहीं हो रही। हेड कांस्टेबल के तौर पर सेवानिवृत्त हुए रणजीत सिंह ने कहा कि पुलिस ने ठगी के मामले में कार्रवाई पर स्पष्ट न कर दी है। इंसाफ के लिए वे पटियाला के तीन एसएसपी को मिल चुके हैं।

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पटियाला मीडिया क्लब में पत्रकारवार्ता में रणजीत सिंह ने बताया कि 2011 में एक प्रॉपर्टी डीलर से 40 लाख रुपये कीमत का एक प्लाट खरीदा था, जिसके लिए आठ लाख बतौर बयाना दिया था।। रजिस्ट्री वाले दिन डीलरों ने उनसे असली बयाना ले लिया और 10 हजार रुपये नगद भी लिया, परंतु न तो बयाना वापस किया और न ही बयाने की रकम। जब उन्होने तत्कालीन एसएसपी हरदयाल मान को शिकायत की तो डीलर ने समझौते के अंतर्गत 232 गज के प्लाट में उसका हिस्सा डाल दिया, परंतु चुपचाप वह प्लाट भी बेच दिया और उसको एक पैसा भी नहीं दिया। इसके बाद वह एसएसपी मनदीप सिंह सिद्धू को भी मिले। जिनकी जांच के आदेश तो हुए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद वह मौजूदा एसएसपी बिक्रमजीत दुग्गल को मिले जिन्होंने एसपीडी को जांच सौंपीं तो उनको कहा गया पैसों के लेने देने में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। रणजीत सिंह ने कहा कि वह यह मांग कर रहा है कि उसके साथ ठगी के आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए, परंतु पुलिस अनसुना कर रही है। उसने इसकी शिकायत डीजीपी को कर दी, जिन्होंने फिर पटियाला पुलिस को जांच भेजी।

उन्होंने बताया कि एक प्रॉपर्टी डीलर खुद को सीनियर कांग्रेसी नेता के साले का बेटा है, तो दूसरा पूर्व कांग्रेसी पार्षद का भतीजा बताते हैं। राजनीतिक दबाव के कारण उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं हो रही।


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