एक्शन नहीं एनओसी देने तक सीमित फायर ब्रिगेड टीम
पटियाला अधिकारों से वंचित फायर ब्रिगेड पटियाला महज संस्थानों को एनओसी देने तक ही सीमित है। गत दो सालों में फायर ब्रिगेड ने अपने स्तर पर किसी भी इमारत या संस्थान की चेकिंग नहीं की है कि वहां पर फायर फाइटिंग सिस्टम हैं या नहीं क्योंकि नगर निगम ने उसे यह अधिकार नहीं दिया हुआ है।
संजय वर्मा, पटियाला
अधिकारों से वंचित फायर ब्रिगेड पटियाला महज संस्थानों को एनओसी देने का काम कर रही है। नगर निगम ने फायर ब्रिगेड को इमारतों की जाच और फायर सेफ्टी सिस्टम न होने की सूरत में कार्रवाई के अधिकार नहीं दिए हैं। ऐसे में पंजाब फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी एक्ट 2004 यहा महज कागजों तक सीमित है। यहीं वजह है कि जिले में पिछले दो सालों में फायर ब्रिगेड पटियाला द्वारा अपने स्तर पर किसी भी इमारत की जाच नहीं की गई।
वहीं फायर ऑफिसर के मुताबिक केवल कुछ मल्टीनेशनल कंपनिया कायदों के मुताबिक फायर सेफ्टी प्रबंध कर रही है और फायर ब्रिगेड अधिकारियों को खुद बुला कर मॉक ड्रिल के लिए कहती हैं। जबकि दूसरे संस्थानों में जाच करने के अधिकार उनके पास नहीं है। केवल शिकायत के आधार पर ही फायर ब्रिगेड जाच करती है। नवंबर 2018 से एनओसी भी ऑनलाइन मिलनी शुरू हो चुकी है।
जानकारी के मुताबिक फायर सेफ्टी प्रबंध न होने पर फायर ब्रिगेड किसी को नोटिस जारी नहीं कर सकती है। हा, जिन्होंने पहले से एनओसी ली है और अगर वे रिन्यू नहीं कराते हैं तो उनको नोटिस जारी किया जाता है। नवंबर 2018 से अब तक महज 101 एनओसी रिन्यू हुई है और 22 संस्थानों ने नई एनओसी ली है। हालाकि फायर सेफ्टी इंतजामों के लिए ये आकड़ा काफी कम है। सबसे अधिक समस्या प्राइवेट शिक्षण संस्थानों से है। ये तीन साल बाद एनओसी रिन्यू कराते हैं। इस बीच इन शिक्षण संस्थानों के इंतजामों की फायर ब्रिगेड ने कभी जाच नहीं की है। हैरानीजनक है कि उल्लघन होने पर अभी तक किसी भी बिल्डिंग को फायर ब्रिगेड तो क्या नगर निगम तक ने सील नहीं किया है।
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ज्यादातर शिकायतें फसल को आग लगने की : जिला फायर ऑफिसर
जिला फायर ऑफिसर मदन गोपाल जलोटा ने बताया है कि अभी तक जिले में इमारतों में आग लगने के सिर्फ एक-दो हादसे हुए हैं। ज्यादातर शिकायतें फसल और नाड़ को आग लगने की रहती हैं। पटियाला फायर ब्रिगेड के पास 5 बड़ी गाड़िया और चार छोटी गाड़ियों का इंतजाम है।
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मजबूत किया जा रहा है फायर सिस्टम
नगर निगम पहले के मुकाबले अब फायर ब्रिगेड सिस्टम को मजबूत कर रहा है। नक्शा अप्लाई करते वक्त आवेदक को फायर फाइटिंग सिस्टम के लिए एनओसी लेने की शर्त है। समय-समय पर फायर ब्रिगेड की ओर से पब्लिक अवेयरनेस और बचाव के लिए मॉक ड्रिल कराई जाती है। अगर कोई बड़ी वायलेशन नजर आती है, तो नगर निगम अपने तौर पर भी कार्रवाई कर सकती है। सरकार के दिशा-निर्देश पर फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी एक्ट पर काम किया जाता है।
-गुरप्रीत सिंह खैहरा, कमिश्नर नगर निगम।
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आग लगने की घटनाएं
कब कहा क्या हुआ
11 मई पातड़ा के गाव में 200 तूड़ी के कूप जले (कोई हताहत नहीं)
05 मई समाना में रुई की फैक्टरी मे आग (कोई हताहत नहीं)
02 मई राजपुरा में 80 एकड़ फसल व नाड़ को आग (कोई हताहत नहीं)
30 अप्रैल पटियाला फोकल प्वाइंट में प्लाईवुड फैक्ट्री में लगी आग। (कोई हताहत नहीं)
29 अप्रैल पातड़ां में 15 एकड़ फसल जली (कोई हताहत नहीं)
30 अप्रैल राजपुरा में 30 एकड़ फसल जली (कोई हताहत नहीं)