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फिनो पेमेंट्स बैंक मंडी गोबिदगढ़ का ब्रांच मैनेजर फिर एक दिन के पुलिस रिमांड पर

पटियाला साइबर ठग्गी की रकम को आनलाइन खातों में ट्रांसफर करने के मामले में गिरफ्तार फिनो पेमेंट्स बैंक के मैनेजर आशीष कुमार निवासी चाँद कॉलोनी हैबोवाल लुधियाना को सोमवार अदालत में पेश किया गया। यहां अदालत ने आशीष कुमार को फिर से एकदिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। बैंक मैनेजर आशीष कुमार ने बिना वेरीफाई किए आरोपित अफसर अली द्वारा खोले गए 200 से अधिक बैंक खातों को चालू कर दिया था। आरोपित आशीष ने रिमांड के दौरान कहा कि उसे नहीं पता था कि इन बैंक खातों को धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 07:36 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 06:28 AM (IST)
फिनो पेमेंट्स बैंक मंडी गोबिदगढ़ का ब्रांच मैनेजर फिर एक दिन के पुलिस रिमांड पर
फिनो पेमेंट्स बैंक मंडी गोबिदगढ़ का ब्रांच मैनेजर फिर एक दिन के पुलिस रिमांड पर

जागरण संवाददाता, पटियाला

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साइबर ठगी की रकम को ऑनलाइन खातों में ट्रांसफर करने के मामले में गिरफ्तार फिनो पेमेंट्स बैंक मंडी गोबिंदगढ़ के ब्रांच मैनेजर आशीष कुमार निवासी चांद कॉलोनी हैबोवाल लुधियाना को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे फिर से एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। गौर हो कि आशीष कुमार ने बिना वेरीफाई किए आरोपित अफसर अली द्वारा खोले गए 200 से अधिक बैंक खातों को चालू कर दिया था।

आरोपित आशीष ने रिमांड के दौरान कहा है कि उसे नहीं पता था कि इन बैंक खातों को धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। उसने अपनी परफार्मेस मैनेजमेंट के सामने बेहतर दिखाने व प्रमोशन पाने के लिए बैंक खातों को मंजूरी दी थी। पटियाला पुलिस आरोपित के इस जवाब से संतुष्ट नहीं है। जिस वजह से इसके बैंक खातों की डिटेल चेक करने के लिए पुलिस ने अदालत से रिमांड बढ़ाने की मांग की थी। जिस पर अदालत ने उसका एक दिन का पुलिस रिमांड और दिया है।

वहीं जेल में बंद आरोपित अताउल अंसारी को प्रोडक्शन वारंट पर लाकर अदालत में पेश कर एक दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया, जबकि आरोपित अफसर अली पहले से तीन दिन के रिमांड पर बुधवार तक है।

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हैड आफिस में लेटर भेज मामले की जानकारी देंगे

इस संदर्भ में एसएसपी मंदीप सिंह सिद्धू ने बताया है कि अभी तक पूछताछ में आरोपितों ने बताया है कि आशीष कुमार की बैंक की ब्रांच का लिक चंडीगढ़ स्थित हैड ऑफिस था, जिसे गुड़गांव स्थित ऑफिस के अंतगर्त काम करना पड़ता है। इस बैंक की लुधियाना में दो, मुक्तसर में एक और मंडी गोबिदगढ़ में एक ब्रांच है। बैंक इंडस्ट्री सेक्टर वाले एरिया में ब्रांच खोलने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाती है। मंडी गोबिदगढ़ में एक माह के अंदर 200 से अधिक बैंक खाते बिना वेरीफिकेशन के चालू करने के लिए मैनेजर आशीष कुमार ही जिम्मेदार पाया गया है। ऐसे में बैंक की मैनेजमेंट को इस बारे में पटियाला पुलिस लिखित रूप में जानकारी भेजेगी। साथ ही मांग करेगी कि अन्य ब्रांचों में भी ऐसी गड़बड़ियों की चेकिग करवाएं। यह आरोपित साइबर ठगी से हासिल किए पैसों को ऑनलाइन बैंक सिस्टम के जरिये ही अन्य खातों में ट्रांसफर करते थे। सांसद परनीत कौर के खाते से निकाली गई 23 लाख की रकम इस फिनो पेमेंट्स बैंक के जरिये ही अन्य खातों में ट्रांसफर की गई है।

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ऐसे बनाए थे फिनो बैंक में फर्जी अकाउंट

आरोपित अफसर अली की मंडी गोबिदगढ़ में दुकान है। यहां उसके पास मजदूर वर्ग के लोग नया आधार कार्ड बनवाने या गुम हुए आधार कार्ड को बनवाने के लिए आते थे। अपनी दुकान पर आने वाले इन मजदूरों के आधार कार्ड बनवाने में हेल्प के बहाने वह फिनो पेमेंट्स बैंक में एकाउंट खोल देता था। अफसर अली के पास बैंक से जारी बायोमीट्रिक मशीन थी, जिस पर अंगुली लगाते ही बैंक एकाउंट ओपन हो जाता था। अकाउंट खोलने के लिए बैंक की तरफ से एक आइडी नंबर जारी होता था, जो अफसर अली के पास था। आधार कार्ड मालिक को इस बारे में जानकारी तक नहीं होती थी और इन खातों को अफसर अली खुद ही चलाता था। उसने 200 से अधिक बैंक खाते गोबिदगढ़ के ब्रांच से खोले थे, जिनमें 59 यूपी के, 55 बिहार के, 85 पंजाब के, पश्चिमी बंगाल के दो और हरियाणा व मध्यप्रदेश के एक-एक पते शामिल हैं। अफसर अली इस काम के लिए बैंक मैनेजर से 20-20 की संख्या में आने वाली ऑनलाइन बैंक खातों की किट ले लेता था और बैंक मैनेजर इन खातों की वेरीफिकेशन किए बिना ही इन्हें चालू कर देता था। फिनो पेमेंट्स बैंक में खाता खुलवाने के लिए 400 रुपये चुकाने होते थे। ये रुपये वह अपनी जेब से भुगतान करता था। इन रुपयों में करीब 55 रुपये उसे वापस मिल जाते थे। वहीं अफसर अली अपने जामताड़ा (रांची, झारखंड) के अन्य साथियों के साथ मिलकर सिम कार्ड लेता था। जामताड़ा के अन्य आरोपित अताउल अंसारी फर्जी तरीके से सिम कार्ड चालू करवाता था। इन नंबरों को फिनो बैंक में खोले खातों के साथ रजिस्टर्ड करवाता था। इसके बाद बैंक से मिले एटीएम किट वगैरह को कोरियर के जरिये जामताड़ा भेज देता था। जहां पर इन खातों से पैसों का लेन-देन होता था। इन खातों के जरिये अभी तक लगभग 5.33 करोड़ की साइबर ठगी हो चुकी है।


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