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नितिन गडकरी की बयानबाजी पर भड़की किसान जत्थेबंदियां

पटियाला केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य संबंधित दिए बयान का पंजाब की किसान जत्थेबंदियों ने कड़ा संज्ञान लिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 11:46 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 11:46 PM (IST)
नितिन गडकरी की बयानबाजी पर भड़की किसान जत्थेबंदियां
नितिन गडकरी की बयानबाजी पर भड़की किसान जत्थेबंदियां

जेएनएन, पटियाला : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य संबंधित दिए बयान का पंजाब की किसान जत्थेबंदियों ने कड़ा संज्ञान लिया है। भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा के राज्य प्रधान बूटा सिंह बुरजगिल, जनरल सचिव जगमोहन सिंह पटियाला, वरिष्ठ उपप्रधान मनजीत सिंह धनेर, गुरमीत सिंह भट्टीवाल, गुरदीप सिंह रामपुरा ने रोष व्यक्त किया है। उन्होंने संयुक्त रूप से कहा कि कुछ दिन पहले केंद्र सरकार द्वारा लाए तीन आर्डिनेंस फसलों के खरीद प्रबंध को कारपोरेट हाथों में सौंपने वाले हैं, चाहे केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने यह कहा कि फसलों न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रहेगा। परंतु किसान नेताओं ने दलील दी कि फसलों की बिना खरीद की गारंटी समर्थन मूल्य का कोई अर्थ नहीं है। जिस तरह यह तीन आर्डिनेंस फसलों के मंडीकरण को कारपोरेट घरानों के हाथों में सौंपने का रास्ता बनाया है, वैसे ही सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म कर देगी। किसान नेताओं ने कहा कि देश भर की किसानी के लिए आने वाला यह संकट न सिर्फ किसानों की बर्बादी का कारण बनेगा, बल्कि मंडी बोर्ड के लाखों मुलाजिमों और मजदूरों के रोजगार को भी खत्म कर देगा। केंद्रीय मंत्री गडकरी का यह कहना कि अंतरराष्ट्रीय मंडी की अपेक्षा भारत में फसलों का मूल्य ज्यादा है, स्पष्ट करता है कि निजी व्यापारी और कारपोरेट घराने मनमर्जी के साथ अपनी, शर्ते लगाकर फसलें खरीदेंगे। किसान नेताओं ने जहां पंजाब सरकार को इस मामले पर अपना पक्ष मजबूती से उठाने की मांग की। वहीं किसान हितैषी कहलाने वाले शिरोमणि अकाली दल की भूमिका पर सवाल उठे है। नेताओं ने कहा कि पहले यह तीनों आर्डिनेंस केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की हाजरी में पास हुए, अब अकाली दल के ही वक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के विचारों को निजी बताते पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि चाहिए तो यह था कि बीबी बादल मंत्रीपद से इस्तीफा देकर पंजाब के किसानों के हितों के लिए आवाज बुलंद करतीं। नेताओं ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन डकौंदा केंद्र सरकार की इन नीतियो के खिलाफ कुलहिद किसान संघर्ष तालमेल समिति की तरफ से बनाए जाने वाले सांझे संघर्ष में मिलकर हिस्सा लेगी।

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