जालंधर के फादर एंथनी मामले में विदेश भागने की तैयारी में थे बर्खास्त एएसआइ राजप्रीत और जोगिंदर सिंह, पासपोर्ट वेरीफिकेशन में फंसे
डिसमिस किए पंजाब पुलिस के दो एएसआइ जोगिंदर व राजप्रीत सिंह फर्जी पासपोर्ट बनाकर विदेश भागने की तैयारी में थे। पासपोर्ट बनवाने के लिए आरोपितों ने अपने नाम बदलने के बाद पासपोर्ट के आवेदन के समय पातड़ां का फर्जी एड्रेस पासपोर्ट आफिस में दिया था।
प्रेम वर्मा, पटियाला। जालंधर के पादरी एंथनी के प्रतापपुरा स्थित घर से बरामद करोड़ों रुपये की राशि में से 6.65 करोड़ गायब करने के मामले में बर्खास्त पंजाब पुलिस के दो एएसआइ जोगिंदर सिंह व राजप्रीत सिंह फर्जी पासपोर्ट बनाकर विदेश भागने की तैयारी में थे। पासपोर्ट बनवाने के लिए आरोपितों ने अपने नाम बदलने के बाद पासपोर्ट के आवेदन के समय पातड़ां का फर्जी एड्रेस पासपोर्ट आफिस में दिया था। पुलिस वेरीफिकेशन के दौरान आरोपितों का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। इसके बाद पातड़ां थाना में सांझ केंद्र के एएसआइ बलजिंदर सिंह के बयान पर दोनों के अलावा गवाही देने वाले पांतड़ां के अमनिंदर सिंह और वार्ड नंबर 11 के रहने वाले हरविंदर शर्मा के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया है। पातड़ां थाना प्रभारी बिक्रम सिंह ने कहा कि अभी चारों आरोपित फरार हैं और उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
नाम बदलकर पिता-पुत्र होने के फर्जी दस्तावेज बनाए
आरोपित जोगिंदर व राजप्रीत सिंह के विरुद्ध साल 2019 में बिशप के पैसों के गबन के मामले में थाना स्टेट क्राइम फेस चार मोहाली में केस दर्ज किया गया था। दोनों ने इस केस में जमानत ले ली थी और अब विदेश भागने की तैयारी कर रहे थे। जोगिंदर को खुद को धर्मपाल सिंह और राजप्रीत सिंह को राजवीर बताकर फर्जी आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनवा लिए। जोगिंदर ने खुद को राजप्रीत का पिता बताकर पातड़ां की सागर बस्ती की रहने वाली एक महिला के पते पर पासपोर्ट आफिस में फर्जी दस्तावेज जमा करवाए थे। पासपोर्ट की वेरीफिकेशन के लिए पहुंचे बलजिंदर सिंह ने आरोपितों को पहचान लिया।
दोनों का फर्जीवाड़ा ऐसे आया सामने
- दोनों की आयु का अंतर करीब 20 साल था और फर्जी दस्तावेज में पिता-पुत्र होने की पुष्टि नहीं हो पाई।
- जिस घर का पता दिया था, उस घर की मालिक महिला ने बताया कि आरोपितों ने नया मकान खरीदने की वजह से उनके पास कोई जगह न होने की बात बताई थी। यह भी कहा था कि उसके घर पर बैठकर कुछ कागजी कार्रवाई करने की बात कही थी।
- वेरीफिकेशन करने गए पुलिस कर्मचारी ने आरोपितों को तस्वीरें देखकर पहचान लिया कि यह दोनों पुलिस को वांछित हैं। उसने अफसरों को सूचित किया।
गिरफ्तारी के बाद इन सवालों के मिलेंगे जवाब
- छह करोड़ रुपये से अधिक की राशि गायब होने के बाद पुलिस ने करीब साढ़े चार करोड़ रुपये बरामद किए थे लेकिन शेष दो करोड़ रुपये कहां है?
- फर्जी आधार और वोटर कार्ड बनवाने में किसने मदद की?
- वेरीफिकेशन के लिए गवाही देने वाले ने दोनों को पुराना जानकार बताया, इसकी वजह क्या थी?
- फर्जी दस्तावेज और पता मुहैया करवाने के लिए किन लोगों ने मदद की?
- जमानत मिलने के बाद जोगदर और राजप्रीत कहां रहे, क्या कारोबार कर रहे थे?
यह था करोड़ों रुपये गायब करने का मामला
साल 2019 में खन्ना से गई पुलिस टीम और ईडी ने संयुक्त रूप से पादरी एंथनी के घर पर छापामारी की थी। जहां करीब 16 करोड़ रुपये बरामद हुए। कस्टडी में लिए गए करीब साढ़े छह करोड़ रुपये लेकर तत्कालीन एएसआइ जो¨गदर व राजप्रीत ¨सह फरार हो गए थे। इन दोनों को पुलिस ने केरल से गिरफ्तार किया और करीब चार करोड़ रुपये बरामद कर लिए। यह पैसा आरोपितों ने अलग-अलग लोगों के पास छिपा रखा था।