वेरका मिल्क प्लांट से किराया वसूलेगी निगम, पुराना रिकॉर्ड खंगाला
सालों से नगर निगम की जमीन पर लगे मिल्क बूथों से किराया वेरका मिल्क प्लांट वसूलता रहा और निगम को इसकी सुध ही नहीं थी।
संजय वर्मा, पटियाला
सालों से नगर निगम की जमीन पर लगे मिल्क बूथों से किराया वेरका मिल्क प्लांट वसूलता रहा और निगम को इसकी सुध ही नहीं थी। अब मामला उलझने पर निगम ने वेरका को तमाम बूथों का किराया पिछले समय से भराने को कहा है। निगम ने मिल्क प्लांट के अधिकारियों को लिख कर किराए की रिकवरी करने को कहा है। नगर निगम की लैंड ब्रांच ने कहां-कहां निगम की जमीन पर वेरका के बूथ है और कितने समय से निगम को उनका किराया नहीं मिला, तमाम रिकॉर्ड की जांच शुरू हो गई है। इससे पहले वेरका मिल्क प्लांट को लिखे पत्र में निगम ने बूथों के किराये का रिकॉर्ड मांगा था, मिल्क प्लांट ने बूथों के किराये का कोई रिकॉर्ड न होने की बात कही थी।
पब्लिक इंफर्मेशन आफिसर नरेश कुमार ने कहा कि नगर निगम की जमीन पर वेरका के आठ बूथ और इनमें से केवल 3 बूथों का किराया निगम को मिल रहा है। परशुराम चौक, नेहरू गार्डन और एससी मार्केट कार पार्किग के पीछे बने बूथ का किराया निगम को मिल रहा है। मॉडल टाउन, आर्य समाज सब्जी मंडी, 22 नंबर फाटक के पुल के नीचे, एनआइएस चौक, जिला कचहरी लाइब्रेरी के सामने बने बूथ का किराया निगम को नहीं मिल रहा था। वेरका प्रबंधन मॉडल टाउन के बूथ से 5310 रुपये मासिक किराया ले रहा है। अब वेरका को बूथों का किराया देने को कहा है। वेरका के प्रबंधकों ने भी निगम के मुताबिक किराया देने पर सहमति दे दी है। इसके अलावा शहर में करीबन 24 बूथों का रिकॉर्ड चेक किया जा रहा है।
पटियाला में वेरका के 88 बूथ हैं जो दूसरे विभागों की जमीन पर भी हैं। जिससे वेरका मिल्क प्लांट प्रबंधन किराया वसूल रहा है। नगर निगम अपने क्षेत्र में आने वाले 24 और बूथों का रिकॉर्ड खंगाल रही है। आरटीआइ से हुआ मामले की पर्दाफाश
निगम की हद में वेरका मिल्क बूथों की संख्या और किराए का मामला आरटीआइ आवेदक भारत भूषण ने उठाया था। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। भारत भूषण खुद एनआइएस चौक में वेरका का बूथ चला रहे है। उनके मुताबिक पिछले 30 सालों से किराया भर रहे हैं, परंतु आगे निगम को किराया नहीं दिया जाता। सरकारी जमीन होने के कारण निगम मुलाजिम उनको परेशान करते रहे हैं। किराये की जानकारी उन्होंने आरटीआइ के माध्यम से मांगी थी। मिल्क प्लांट के पब्लिक इंफार्मेशन आफिसर ने कहा कि वे आरटीआइ के दायरे में नहीं आते।