पंजाबी यूनिवर्सिटी की जगह पर ठेकेदार ने बिना परमिशन व अधिकारियों की मिलीभगत से बनाया स्टोर
पटियाला पंजाबी यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रिकल का सामान बिना किसी बिल स्टोर में पड़ा मिला।
बलविदरपाल सिंह, पटियाला
पंजाबी यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रिकल का सामान बिना किसी बिल स्टोर में पड़ा मिला। सामान की कीमत 20 लाख से ज्यादा है। मामले का पर्दाफाश दैनिक जागरण की टीम ने विद्यार्थियों संग मिलकर किया गया। खास बात यह है कि जिस स्टोर में यह सामान पड़ा है, खुद ठेकेदार ने तैयार करवाया और यह सामान पुराना और डब्बा बंद है जो करीब छह-सात साल से पड़ा है। हैरानी की बात यह है कि निर्माण विभाग के अधिकारियों को इस मामले की जानकारी भी थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है किस स्तर तक अधिकारियों की ठेकेदार से मिलीभगत होगी। बावजूद इसके किसी ने यूनिवर्सिटी अथॉरिटी को बताना सही नहीं समझा। माना जा रहा है कि जरूरत पड़ने पर विभागीय कर्मचारी इस पुराने सामान को नए रेट पर लगा रहे होंगे। ठेकेदार का एक्सईएन पर आरोप, साढ़े पांच लाख खर्च कर तैयार किए कमरे
बिना बिल के सामान पड़े होने का मामला सामने आने के बाद एक्सईएन मनजीत सिंह ने जसपाल सिंह नाम के ठेकेदार को मौके पर बुलाया। मौके पर पहुंचे ठेकेदार से पूछा कि उसे यूनिवर्सिटी की जगह पर बिना परमिशन स्टोर बनाने व उसमें सामान रखने की परमिशन किसने दी, पर ठेकेदार ने सीधा इशारा एक्सईएन की तरफ कर दिया। उसने कहा स्टोर के साथ-साथ विभागीय जेई के लिए साढ़े पांच लाख खर्च कर कमरे तैयार करवाए। यह काम एक्सईएन के कहने पर किया है। वहीं, मौके पर ही एक्सईएन मनजीत ने उन पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। एक्सईएन ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी भी नहीं थी ओर न ही उन्होंने किसी को स्टोर बनाने की परमिशन दी। ठेकेदार ने जो आरोप एक्सईएन पर लगाए, कहीं न कहीं निर्माण विभाग पर सवाल खड़े कर रहे है। विद्यार्थियों, एक्सईएन व ठेकेदार ने लगाया अपना-अपना ताला
बिना बिलिग के इलेट्रिकल का सामान जिस स्टोर में पड़ा है, को अब एक्सईएन, ठेकेदार व विद्यार्थियों ने अपना-अपना ताला लगा दिया है। अब निर्माण विभाग के अधिकारी व ठेकेदार सामान से संबंधित अपने-अपने दस्तावेज दिखाएंगे। जिसके बाद यह फैसला होगा कि यह सामान किसे सौंपना है। मामला सामने आने के बाद निर्माण विभाग के कर्मचारी व अधिकारियों में चर्चा शुरू हो चुकी है। चर्चा यह भी है कि ठेकेदार व अधिकारियों की आपसी मिलीभगत से ठेकेदार ने यह स्टोर बिना परमिशन के यहां पिछले करीब सात साल से बनाए रखा था। अधिकारियों ने अपने स्तर पर ठेकेदार के लिए बनाया स्टोर
सैफी के कैंपस प्रधान यादविदर यादु, हरविदर सिंह संधू व खलील खान ने कहा कि निर्माण विभाग के अधिकारियों ने अपने स्तर पर ही ठेकेदार को यूनिवर्सिटी की जमीन पर स्टोर बनाने की परमिशन दे दी। स्टोर में 20 लाख रुपये से ज्यादा का इलेक्ट्रिकल का सामान पड़े होने की संभावना है। वहीं, दूसरी ओर विभाग के सब-स्टेशनों पर करीब 8 एलटी कंट्रोल पैनल रखे हैं। यह पैनल बिना किसी जरूरत के अधिकारियों ने खरीद किए। इनमें से कुछ ठेकेदार के, वो भी बिना बिल के रखे गए हैं। इन कंट्रोल पैनल की कीमत भी लाखों रुपये में बताई जा रही है। मामला सामने आने के बाद अधिकारी इन कंट्रोल पैनल को किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं। स्टोर पर लगे तीन ताले मामले की पड़ताल के बाद ही खुलेंगे।
कोट्स
मैने ठेकेदार को स्टोर या फिर जेई के कमरे बनाने के लिए नहीं कहा। पता नहीं कैसे मेरा नाम ले रहा है। कमेटी बनाकर मामले की जांच करवाई जाएगी। जब तक ठेकेदार सामान से संबंधित दस्तावेज नहीं दिखाता, तब तक यह स्टोर बंद ही रखा जाएगा।
-मनजीत सिंह, एक्सईएन स्टोर बनाने के साथ-साथ जिन कमरों में जेई बैठे हैं, को भी साढ़े पांच लाख रुपये खर्च कर तैयार करवाया। यह काम एक्सईएन के कहने पर किया। बिना अधिकारियों को सूचित किए कोई कैसे यूनिवर्सिटी की जगह पर कंस्ट्रक्शन कर सकता है। स्टोर बनाने के लिए अधिकारियों ने कोई पत्र जारी नहीं किया। -जसपाल सिंह, ठेकेदार 00 स्टोर मेरी पोस्टिंग से पहले बना हुआ था, सभी अधिकारियों को इसके बारे में पता है। पर यूनिवर्सिटी ने स्टोर संबंधी कोई परमिशन नहीं दी गई। ठेकेदार को यहां से सामान उठाने के लिए भी कहा गया था।
-जसबीर सिंह, एसडीओ।