गंदे नाले के जरिये चंडीगढ़ से घग्गर नदी तक पहुंचा दूषित पानी
बनूड़ की युवा एडवोकेट सुनैना ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में दूषित पानी को लेकर पटीशन दायर की है।
जेएनएन, बनूड़, पटियाला : बनूड़ की युवा एडवोकेट सुनैना ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में दूषित पानी को लेकर पटीशन दायर की है। दायर पटिशन पर फैसला देते हुए एनजीटी के बैच ने कहा कि दूषित पानी मुद्दा बड़ा है, दूषित पानी को बिना ट्रीट किए नदी नालों में बहाना लोगों की सेहत से खिलवाड़ है। ऐसे में जिम्मेदार अफसरों पर कारवाई की जानी चाहिए। एडवोकेट सुनैना ने कहा कि चंडीगढ़ से निकलता गंदा नाला चो नदी के नाम से मशहूर है। यह गंदा नाला चंडीगढ़ के विभिन्न सेक्टरों से निकल कर इंटरनेशनल एयरपोर्ट मोहाली से गुजरते हुए घग्गर नदी में विलीन होता है। गंदे नाले के दूषित पानी से घग्गर नदीं के पानी को भी नुकसान पहुंच रहा है। इंडस्ट्री के केमिकल युक्त पानी से सीचीं जा रही फसलें
सुनैना ने पटीशन में तर्क देते हुए कहा कि चंडीगढ़ से निकलने वाले गंदे नाले के पानी से जिला मोहाली और पटियाला के हजारों किसान खेतों में अपनी फसलों की सिचाई कर रहे हैं। गंदे नाले में इंडस्ट्री का दूषित पानी, मोहाली की जगतपुरा मीट मार्केट का वेस्टेज, और विभिन्न कालोनियों का अनट्रीट पानी गंदे नाले में फेंका जा रहा है। इस दूषित पानी को फसलों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। सब्जियों को गंदे नाले के पानी से धोआ जाता है। एडवोकेट ने कहा कि दूषित पानी की बदबू से वातावरण प्रभावित हो रहा है, वहीं लोगों की सेहत खराब होने के साथ स्किन की बीमारियां पनप रही हैं। पंजाब सरकार और चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन को दिया था नोटिस
एडवोकेट सुनैना ने बताया कि गंदा नाले के दूषित पानी पर पंजाब सरकार और चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन को लीगल नोटिस दिया गया था, लेकिन इस मामले पर कार्रवाई नहीं की गई। इसके चलते एनजीटी दिल्ली में केस फाईल किया गया। उन्होंने बताया कि इस से पहले 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि स्टेट की लोकलबाडी को 31 मार्च 2018 से तक दूषित पानी के निपटारे के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने चाहिए। जिम्मेदार अफसरों को जुर्माना लगाया जाए
एनजीटी के बैंच ने पटीशन पर कार्रवाई करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है। पंजाब स्टेट पाल्यशन कंट्रोल बोर्ड और यूटी पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को संयुक्त एग्जीक्यूटिग कमेटी बनाकर इस तरफ काम किया जाना चाहिए। चीफ सेक्रेटरी पंजाब और एडवाइजर यूटी चंडीगढ़ और दूसरे अफसरों के साथ मिल कर दूषित पानी की सफाई और एसटीपी लगाए जाने को यकीनी बनाया जाए। सुप्रीम कोर्ट की डायरेक्शन को फालो करते एनजीटी के आदेशों पर कार्रवाई की जाए। सुनैना ने कहा कि एनजीटी ने स्टेटस रिपोर्ट के लिए दो महीनों का समय दिया है। मामले पर अगली सुनवाई 22 सितंबर को होनी है।