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एससी, बीसी फर्जी सर्टिफिकेट मामले पर कमेटी गठित

पंजाबी यूनिवर्सिटी में फर्जी एससी बीसी सर्टिफिकेट के अधार पर नौकरी कर रहे मुलाजिमों में गाज गिरने की संभावना बन चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 08:12 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 08:12 PM (IST)
एससी, बीसी फर्जी सर्टिफिकेट मामले पर कमेटी गठित
एससी, बीसी फर्जी सर्टिफिकेट मामले पर कमेटी गठित

जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी में फर्जी एससी, बीसी सर्टिफिकेट के अधार पर नौकरी कर रहे मुलाजिमों में गाज गिरने की संभावना बन चुकी है। अगले 15 दिन में सात मुलाजिमों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इससे पहले यूनिवर्सिटी खुद इनके सर्टिफिकेट की पड़ताल करवाएगी। इसके लिए यूनिवर्सिटी द्वारा अलग से कमेटी गठित कर दी गई है। यह फैसला वीरवार को चंडीगढ़ में हुई सिडीकेट की मीटिग में लिया गया।

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सिडीकेट की मीटिग में एक्टिग वीसी व आइएएस अधिकारी रवनीत कौर, रजिस्ट्रार दविदर सिंह, केसर सिंह भंगू, डीन अकादमिक मामले डा. अमृतपाल कौर, हरिदरपाल सिंह हैरीमान मौजूद रहे। इसके अलावा सिडीकेट मेंबर डा. केडी सिंह व डा. नर बहादुर वर्मा ने मीटिग में शिरकत नहीं की। मीटिग में जहां नान टीचिग मुलाजिमों की सर्विस में एक्सटेंशन में बढ़ावा किया गया। वहीं, एडहाक पर काम कर रहे 17 इंस्ट्रक्टर, जो यूजीसी नियमों अनुसार एलिजिबल नहीं है, के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कमेटी गठित की गई। इनमें से 10 पीयू कैंपस और सात तलवंडी साबू में काम कर रहे हैं। इसके अलावा भी विभिन्न मामलों पर कार्रवाई करने के लिए कमेटियां गठित की गई। जानकारी के अनुसार पिछले समय में पूर्व वीसी द्वारा मुलाजिमों को कैंपस में क्वार्टर अलाट किए गए थे, जोकि वरिष्ठता सूची के तहत जारी नहीं किए गए। इस मामले को लेकर सिडीकेट सदस्यों द्वारा एक कमेटी गठित की गई। इसके अलावा जिन कर्मचारियों ने पिछली सर्विस का सर्टिफिकेट दिखाकर सैलरी में लाभ प्राप्त किया है, की पड़ताल के लिए अलग से कमेटी गठित की गई। यह कमेटी दो महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इसके अलावा इक्नोमिक्स विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर व डिस्टेंस एजुकेशन के असिस्टेंट प्रोफेसर, जिसकी एमटेक की डिग्री फेक बताई जा रही है, के मामले की पड़ताल के लिए भी कमेटी गठित की गई। कमेटी की रिपोर्ट पेश होने के बाद इन प्रोफेसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। 10 फीसद फीस बढ़ाने पर फैसला

पंजाबी यूनिवर्सिटी को वित्तीय संकट से निकालने के लिए सिडीकेट की मीटिग चर्चा की गई। मीटिग में 10 फीसद फीसों में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया। चंडीगढ़ में तीन घंटे चली मीटिग में 30 मुद्दों पर चर्चा की गई। यूनिवर्सिटी में हुए 16 घपलों के मामलों पर चर्चा की गई। इसके अलावा अब यूनिवर्सिटी ऐसा कोई सर्कुलर जारी नहीं करेगी, जिसमें यह लिखा होगा कि अगले समय तक अधिकारी की नियुक्त की जाती है। अधिकारी किस समय तक किस पद पर नियुक्त रहेगा, का पूरा ब्योरा देकर ही सर्कुलर जारी किया जाएगा। 30 अप्रैल तक एक्सटेंशन

नान टीचिग मुलाजिम, जिनकी सर्विस में एक्सटेंशन प्रक्रिया रुकी पड़ी थी, की सिडीकेट मीटिग में 30 अप्रैल तक एक्सटेंशन कर दी गई। हालांकि इससे पहले छह महीने की एक्सटेंशन की जाती थी। इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन बड़ा फैसला ले सकता है। इसके अलावा प्रोफेसरों की प्रमोशन का केस अगली होने वाली सिडीकेट की मीटिग में विचार अधीन रखा गया है। इसके अलावा हर महीने सिडीकेट की मीटिग करने के मामले पर चर्चा की गई। मीटिग में यूनिवर्सिटी के मौजूदा समय के हालात व वित्तीय संकट पर भी चर्चा की गई। मीटिग में विभिन्न मामलों पर चर्चा की गई है। फीस बढ़ोतरी मामले पर कोई फैसला नहीं लिया गया। इस तरह गंदगी फैलाकर यूनिवर्सिटी का माहौल खराब करना सही नहीं है। अगर किसी मुलाजिम को कोई परेशानी है, तो यूनिवर्सिटी अधिकारियों से बात कर सकता है।

रवनीत कौर, एक्टिग वीसी पंजाबी यूनिवर्सिटी


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