कलेक्टर रेट में संशोधन की तैयारी में जिला प्रशासन
सीएम सिटी के जमीनी कलेक्टर रेट में बदलाव करने की तैयारी की जा रही है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : सीएम सिटी के जमीनी कलेक्टर रेट में बदलाव करने की तैयारी की जा रही है। जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर रेट में संशोधन को लेकर शनिवार को सब-रजिस्ट्रार व सब डिविजनों के तहसीलदारों के साथ मीटिग होनी थी, पर किसी कारण रद करनी पड़ी। फिलहाल अगली मीटिंग कब होगी ये तय नहीं है। मीटिग में शामिल सभी अधिकारियों से जमीनी कलेक्टर रेट संबंधी सुझाव मांगे जाएंगे कि शहर के किन-किन इलाकों में कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी या फिर कटौती की जा सकती है। तहसील अधिकारियों की ओर से अपने सुझाव रखेंगे जाएंगे, जिसके बाद प्रशासन की ओर से कलेक्टर रेट में बढ़ावा करना है या नहीं, उसका फैसला किया जाएगा।
पिछले करीब चार साल से कलेक्टर रेट में जिला प्रशासन की ओर से न तो बढ़ोतरी की गई न ही कोई कटौती। हालांकि पिछले साल मार्च में कलेक्टर रेट मामले में प्रशासनिक अधिकारियों ने मीटिग की थी, पर कोरोना महामारी के चलते दोबारा कलेक्टर रेट मामले पर मीटिग नहीं हो सकी। जानकार बताते हैं कि शहर की कुछ जगहों के कलेक्टर रेट काफी कम है, उन जगहों के कलेक्टर रेट बढ़ाने से प्रापर्टी के कारोबार में भी बढ़ावा होने के आसार हैं। जानकारी के अनुसार पिछले लंबे समय से प्रापर्टी का कारोबार काफी नुकसान में चल रहा है। सब-रजिस्ट्रार दफ्तर में जहां सौ से ज्यादा प्रापर्टी की रजिस्ट्रेशन होती है, वहां मौजूदा समय में 70 के करीब रजिस्ट्रियां ही हो रही हैं। प्रापर्टी का कारोबार काफी ठप पड़ा है, ऐसे में कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी करना ठीक नहीं है। जबकि यह उम्मीद थी कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रापर्टी के कारोबार में तेजी होगी। पर ऐसा नहीं हुआ, कारोबार दिन प्रति दिन ठप होता जा रहा है। कोरोना के चलते इस कारोबार को बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है।
-सुरिदर सिंह, प्रापर्टी कारोबारी कलेक्टर रेट संबंधी मीटिग शनिवार को होना तय हुआ था, पर किसी कारण यह मीटिग रद हो गई। अगले कुछ दिनों में यह मीटिग होगी। जिसमें कलेक्टर रेट संबंधी चर्चा होगी। कलेक्टर रेट में ज्यादा कुछ बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। सिर्फ नाममात्र ही बढ़ोतरी हो सकती है और वो भी प्रशासन के निर्देश पर।
-संजीव गौड़, सब-रजिस्ट्रार।