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सीएम सिटी में कैंसर मरीजों को नहीं मिल रहे फ्री इंजेक्शन

राजिदरा अस्पताल में कैंसर के मरीजों को कीमोथैरेपी के बाद लगने वाला इंजेक्शन की शार्टेज लगातार जारी है

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 11:49 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 11:49 PM (IST)
सीएम सिटी में कैंसर मरीजों को नहीं मिल रहे फ्री इंजेक्शन
सीएम सिटी में कैंसर मरीजों को नहीं मिल रहे फ्री इंजेक्शन

जागरण संवाददाता, पटियाला : राजिदरा अस्पताल में कैंसर के मरीजों को कीमोथैरेपी के बाद लगने वाला इंजेक्शन की शार्टेज लगातार जारी है, जिस कारण मरीजों सहित उनके परिजनों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। वीरवार को भी एक मरीज को इंजेक्शन नहीं मिलने के कारण उसने परिवार सहित राजिदरा अस्पताल में एमएस आफिस के बाहर धरना लगाकर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इससे पूर्व 21 दिन पहले भी उक्त मरीज ने एमएस आफिस के बाहर प्रदर्शन किया था।

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शहरवासी आशा नाहर ने बताया कि उन्हें कैंसर की बीमारी है, जिस कारण उसका राजिदरा अस्पताल में इलाज जारी है। मौजूदा समय में उसकी कीमोथैरेपी हो रही है और उसके बाद इंजेक्शन लगता है। 21 दिन पहले भी उनकी कीमोथेरेपी हुई थी और दूसरे दिन उन्हें एक इंजेक्शन लगना था, तो इंजेक्शन अस्पताल के कैंसर सैल से नहीं मिला था। उस वक्त भी उन्होंने अस्पताल के एमएस आफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया था, तो अस्पताल के कर्मियों ने निजी तौर पर राशि इकट्ठी करके उन्हें इंजेक्शन खरीदकर दिया था। अस्पताल के कैंसर सैल में उन्हें इंजेक्शन फ्री में मिलता है, जबकि बाहर यह इंजेक्शन 1600 रुपये का मिलता है। अस्पताल के अधिकारी साफ तौर पर कहते हैं कि अगर उनके स्टॉक में इंजेक्शन होता है, तो वे मरीज को फ्री में देते हैं, जब नहीं होता तो मरीज को बाहर से अपनी राशि के जरिए इंजेक्शन खरीदना पड़ता है ।

उनके साथ रहे भाजपा नेता अजय गोयल ने कहा कि सरकार द्वारा लगातार इन पीड़ितों का मुफ्त इलाज करवाने के नाम पर उनकी जान के साथ खिलवाड़ करके उनको सताया जा रहा है। आशा नाहर को भी आज कहा गया कि उन्हें लगने वाला इंजेक्शन कैंसर सैल के पास नहीं है और वो खुद उसका इंतजाम करे। सरकार ने उनका डेढ़ लाख रुपये से किया जाने वाला मुफ्त इलाज का कार्ड भी बनाया है पर इसके बावजूद उन्हें अपने पैसे खर्च कर टेस्ट प्राइवेट लैब में करवाने पड़ रहे है और दवाई लेनी पड़ती है। उक्त इंजेक्शन खरीदने के लिए कई लोगों के पास राशि नहीं होती और वो घड़ी बहुत संकट की घड़ी होती है। अस्पताल प्रशासन को कम से कम मरीजों को पहले ही बता देना चाहिए था कि इंजेक्शन उनके पास नहीं है। अस्पताल प्रशासन ने उनकी समस्या को हल करने का भरोसा देकर धरना समाप्त करवाया। 00 प्रिसिपल ने अरेंज करवाया इंजेक्शन

अजय गोयल ने बताया कि वे अस्पताल प्रशासन का रोड पर पुतला फूंकने की तैयारी में थे, तो उनकी मुलाकात प्रिसिपल डॉ. केके अग्रवाल से करवाई गई। उन्होंने एमएस के जरिए अस्पताल के बाहर से इंजेक्शन अरेंज करके दिया है। डॉ. अश्वनी ने कहा कि सोमवार तक टीके अस्पताल में आने वाले हैं, तो यह परेशानी दूर हो जाएगी ।


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