प्रदेश में गेस्ट फैकल्टी लेक्चरर भर्ती में आरक्षण पॉलिसी पर ब्रेक
पंजाब में कई यूनिवर्सिटियां उनके कंस्टीट्यूट कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की भर्ती में अनुसूचित जातियों को आरक्षण नहीं दिया जा रहा है।
जेएनएन, पटियाला : पंजाब में कई यूनिवर्सिटियां, उनके कंस्टीट्यूट कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की भर्ती में अनुसूचित जातियों को आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। इस मामले पर डॉ. आंबेडकर कर्मचारी महासंघ, राज्य प्रधान डॉ. जतिदर सिंह मट्टू ने प्रिसिपल सचिव हायर एजुकेशन अनुराग वर्मा से मुलाकात की। डॉ. जतिदर सिंह मट्टू ने प्रिसिपल सचिव को प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों में गेस्ट फैकल्टी या कांट्रैक्ट आधार पर लेक्चरर भर्ती में आरक्षण पॉलिसी लागू करवाने की मांग की। उन्होने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जातियों और पिछड़ी श्रेणियों को सेवाओं में प्रतिनिधित्व दिलाने के उद्देश्य से पंजाब शेड्यूल कास्ट एंड बैकवर्ड क्लासेस, आरक्षण इन सर्विस एक्ट 2006 बनाया था, जिससे अनुसूचित जाति के उम्मीदवार को भी नौकरी में आने का मौका मिल सके। पिछले कई सालों से शैक्षिक संस्थाएं इस एक्ट की धज्जियां उड़ा रही हैं और इस भर्ती में आरक्षण पॉलिसी को लागू न करके सीधा-सीधा अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर रखा जा रहा है। जो सरासर एससी समाज के साथ भेदभाव है। उन्होंने कहा कि आरक्षण इन सर्विस एक्ट का उल्लंघन पंजाब सिविल सेवाएं रूल्स 1970 के अंतर्गत दंडनीय है। उन्होंने कहा कि यूजीसी द्वारा जारी नोटिफिकेशन में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण दिए जाने की बात की गई है, परंतु पता नहीं क्यों शैक्षिक संस्थाएं इस भर्ती में आरक्षण पॉलिसी लागू नहीं कर रहीं। उन्होंने कहा कि पंजाब के एससी भाईचारे के छीने जा रहे हकों वाली कार्रवाई को पंजाब का एससी भाईचारा बर्दाश्त नहीं करेगा। इस अवसर पर बहादर सिंह नाभा, नैब सिंह सुनाम भी उपस्थित थे।