जवानी में किया था अपराध, 28 साल बाद बुढ़ापे में पटियाला में ऐसे आया पकड़ में
पुलिस ने पटियाला से अपहरण व दुष्कर्म का कथित आरोपी को 28 वर्ष के बाद गिरफ्तार किया है। उसे अदालत ने जून 1993 में भगोड़ा घोषित कर दिया था।
जेएनएन, रतिया (फतेहाबाद)। कहते हैं कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं। अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो एक दिन खुद ही शिकंजे में फंस ही जाता है। पंजाब के एक व्यक्ति पर जवानी में अपहरण व दुष्कर्म का आरोप लगा था। मामला अदालत में चला, लेकिन इसके बाद वह फरार हो गया। अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। पुलिस ने अब 28 साल बाद उसे गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने आरोपित को गांव कुलां के पास से गिरफ्तार किया है। पुलिस इस आरोपित को पिछले 28 साल से ढूंढ रही थी। अदालत ने उसे 27 साल पहले भगोड़ा घोषित किया था। आरोपित देव सिंह उर्फ देवा पंजाब के जिला पटियाला के समाना का रहने वाला है। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेशकर रिमांड पर लिया है।
रतिया सदर थाना पुलिस ने 18 मई, 1992 को गांव लाली के एक व्यक्ति की शिकायत पर देव सिंह के अलावा पांच अन्य आरोपितों के खिलाफ लड़की के अपहरण, कथित दुष्कर्म करने तथा आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस ने मामले में नामित तीन आरोपितों पंजाब के पटियाला जिले के गांव चैना वाली के डिस्सा व गुरमेल सिंह तथा लाभ सिंह झनीर को गिरफ्तार कर लिया था। देव के अलावा एक अन्य आरोपित जगमेल फरार था। अदालत ने सात जून, 1993 को इन आरोपितों को भगोड़ा घोषित कर दिया था।
सदर थाना के सब इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह के अलावा एएसआइ लाभ सिंह व चरणजीत टोहाना क्षेत्र की तरफ जा रहे थे कि गांव कुलां के स्टैंड पर उपरोक्त व्यक्ति पर संदेह हुआ। इस दौरान पूछताछ की तो पहले आनाकानी करता रहा। जब इसके आधार कार्ड से पहचान की गई तो इसने पुलिस के समक्ष वर्ष 1992 में उसके खिलाफ दर्ज केस की जानकारी दी।
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