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अब स्टूडेंट्स एमाजॉन व फिल्पकार्ट से भी मंगवा सकेंगे किताबें

बल¨वदरपाल ¨सह, पटियाला पंजाबी यूनिवर्सिटी की पब्लिकेशन ब्यूरो की ओर से प्रकाशित की जानी वाली किता

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Jan 2018 05:20 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jan 2018 05:20 PM (IST)
अब स्टूडेंट्स एमाजॉन व फिल्पकार्ट से भी मंगवा सकेंगे किताबें
अब स्टूडेंट्स एमाजॉन व फिल्पकार्ट से भी मंगवा सकेंगे किताबें

बल¨वदरपाल ¨सह, पटियाला

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पंजाबी यूनिवर्सिटी की पब्लिकेशन ब्यूरो की ओर से प्रकाशित की जानी वाली किताबों को लेने में स्टूडेंट्स को किसी प्रकार की परेशानी नहीं उठानी होगी। इससे पहले स्टूडेंट्स को किताबें लेने के लिए यूनिवर्सिटी या फिर किसी विभिन्न दुकानदारों के पास जाना पड़ता था। मगर अब यूनिवर्सिटी की ओर से शुरू की सुविधा से स्टूडेंट्स को किताबें लेने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं उठानी होगी।

ब्यूरो की ओर से कमेटी गठित

बता दें कि एमाजॉन व फिल्पकार्ट पर ऑनलाइन किताबें डालने के मामले को लेकर वीसी डॉ.बीएस घुम्मण के निर्देशों अनुसार पब्लिकेशन ब्यूरो के इंचार्ज डॉ. सरब¨जदर ¨सह की ओर से एक कमेटी का गठन किया जा चुका है। इस कमेटी में डीन अकादमिक मामले, रजिस्ट्रार व वित्त अफसर के अलावा ब्यूरो के प्रोफेसर इंचार्ज को शामिल किया गया है। अकसर देखा गया है कि पब्लिशर कम पैसे में टाइटल छापकर स्टूडेंट्स से लाखों रुपये कमा लेते हैं। मौजूदा समय में पंजाबी यूनिवर्सिटी के पास 5500 के करीब टाइटल मौजूद हैं। ऑनलाइन शॉ¨पग व विभिन्न प्रकार की चीजें मंगवाना एक बड़ा व्यापार बन चुका है। जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में एमाजॉन के पास 16 टाइटल ऑनलाइन करने के लिए भेजे जा चुके हैं। एमाजॉन पब्लिशर से किसी प्रकार का कोई पैसा नहीं लेता। जब किताब सेल हो जाती है तो 8 से 10 फीसद ही वसूल किया जाता है। इसका लाभ पाठक व पब्लिशर को सीधा होगा।

यूनिवर्सिटी को वित्तीय संकट से बाहर लाने में मिलेगी मदद

पंजाबी यूनिवर्सिटी के पब्लिकेशन ब्यूरो के इंचार्ज डॉ. सरब¨जदर ¨सह ने कहा कि यह सुविधा शुरू होने से जहां स्टूडेंट्स को लाभ मिलेगा। वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटी को वित्तीय संकट से बाहर निकालने में भी सहायता मिलेगी। इस मकसद से ब्यूरो की ओर से एमाजॉन व फिल्पकार्ट से टाइअप किया जा रहा है। दूसरी ऑनलाइन साइट्स के साथ भी टाइअप संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो किताबें पब्लिकेशन ब्यूरो की ओर से प्रकाशित की जाती है, इसके रेट बाजार से बहुत ज्यादा कम होते हैं।


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