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जिले में कोरोना पॉजिटिव से 13वीं मौत, 36 नए पॉजिटिव

पटियाला जिले में शहर समाना के गांव वड़ैचां की 55 वर्षीय एक महिला की कोरोना से मौत हुई है जबकि 36 नए लोग पॉजिटिव आए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 11:47 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 11:47 PM (IST)
जिले में कोरोना पॉजिटिव से 13वीं मौत, 36 नए पॉजिटिव
जिले में कोरोना पॉजिटिव से 13वीं मौत, 36 नए पॉजिटिव

जागरण संवाददाता, पटियाला : जिले में शहर समाना के गांव वड़ैचां की 55 वर्षीय एक महिला की कोरोना से मौत हुई है, जबकि 36 नए लोग पॉजिटिव आए हैं। अब जिले में कुल मरीजों की संख्या 749 हो गई है, जिसमें 328 लोग ठीक होकर घर लौट गए हैं और 408 केस एक्टिव हैं। आज 20 मरीज ठीक हुए हैं।

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सिविल सर्जन डॉ. हरीश मल्होत्रा ने बताया कि कोरोना वायरस 36 केसों में से चार की सूचना अंबाला, एक पीजीआइ, चंडीगढ़ और एक की सूचना उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुई है, जबकि बाकी 30 लोग पटियाला शहर के हैं।

पॉजिटिव आए लोगों में 12 पटियाला शहर, 3 नाभा, 8 राजपुरा, 5 समाना, एक पातड़ां और 7 अलग अलग गांवों से हैं। पटियाला की जेजियां वाली गली से 6, लाहौरी गेट से 3, बेहड़ा रोड, बचित्र नगर, रत्न नगर से एक-एक, राजपुरा के शिव मंदिर एरिया से चार, जनकपुरी से तीन, विकास नगर से एक, नाभा के अजीत नगर से तीन, समाना की तेज कालोनी से चार, शनि देव मंदिर से एक, पातड़ां की टिब्बा बस्ती से एक और सात अलग-अलग गांवों से हैं। उन्होंने बताया कि गांव वड़ैचा समाना की रहने वाली एक 55 वर्षीय एक महिला राजिदरा अस्पताल में दाखिल थी जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि गांव लोहांड में बनाया गया कंटेनमेंट जोन का समय पूरा हो गया है और नए केस न रिपोर्ट होने के कारण वहां का कंटेनमेंट जॉन खत्म हो गया है। आज जिले में सेहत विभाग की टीमों ने 758 लोगों के सैंपल लिए हैं। अब तक 32372 सैंपल लिए गए हैं, 749 पॉजीटिव, 29812 नेगेटिव, 1741 की रिपोर्ट पेंडिग, 13 की मौत, 328 ठीक और 408 एक्टिव हैं।

समय पर रेफर करें प्राइवेट अस्पताल

सिविल सर्जन डॉ. मल्होत्रा नें प्राईवेट अस्पतालों के डॉक्टरों और प्राइवेट प्रैक्टिशनरों को कहा कि वे कोविड के शकी मरीजों का अपने स्तर पर बिना कोविड टेस्ट करवाएं और इलाज करते रहते हैं। बाद में गंभीर हालत में रेफर किया जाता है। जिससे मरीजों के इलाज में ज्यादा समय न मिलने कारण कई बार हालत गंभीर और मौत हो जाती है। उन्होंने शकी मरीजों को समय पर रेफर करने की भी हिदायत दी है।


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