धार क्षेत्र की महिलाओं ने की गांवों तक सरकारी बसें चलाने की अपील
सरकारी बसों में महिलाओं के लिए फ्री सफर की घोषणा से महिला वर्ग में खुशी की लहर है। लेकिन धार क्षेत्र की सरकार की बसों की कमी से महिला वर्ग में रोष पाया जा रहा ह
संवाद सहयोगी, दुनेरा :
सरकारी बसों में महिलाओं के लिए फ्री सफर की घोषणा से महिला वर्ग में खुशी की लहर है। लेकिन धार क्षेत्र की सरकार की बसों की कमी से महिला वर्ग में रोष पाया जा रहा है। क्योंकि इसके कारण महिलाओं को सरकारी बसों में शुरू हुई मुफ्त बस सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
धार क्षेत्र में बढ़ाई जाए सरकारी बसों की सुविधा : उषा
उषा मेहरा ने राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं और कामकाज के सिलसिले में रोजाना सौ से 200 किलोमीटर का सफर तय करने वाली महिलाओं के लिए सरकार का यह कदम किसी किसी तोहफे से कम नहीं है। मगर पठानकोट जिले के अंतर्गत पड़ती धार तहसील में सरकारी बसों की सुविधा न के बराबर है। इसलिए धार क्षेत्र में सरकारी बस सुविधा को बढ़ाया जाए। बसों की सुविधा नहीं है : नीलम मेहरा
नीलम मेहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह का यह प्रयास सराहनीय है। इससे कामकाजी महिलाओं को आर्थिक मदद मिलेगी, परन्तु धार क्षेत्र के गांव लैहरुन गड़ल, गाहल, लजेरां आदि गांवों में आज भी सरकारी बस की कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में मुख्यमंत्री की इस घोषणा का लाभ इन गांवों की महिलाओं को नहीं मिलेगा।
सवारियों से भरी होती बसें : निशा देवी
निशा देवी ने कहा कि धार क्षेत्र में सरकारी बस सुविधा न के बराबर है। पठानकोट से चम्बा व डल्हौजी चलने वाली बसें पहले ही सवारियों से भरी होती हैं। ऐसे में धार क्षेत्र के लोगों को पठानकोट जाने पर पैसे खर्च कर के भी सीट नहीं मिलती है। इसलिए मुख्यमंत्री से अपील है कि धार क्षेत्र में सरकारी बसों की सुविधा बढ़ाएं ताकि महिलाओं के साथ-साथ अन्य लोगो को भी राहत मिल सके। धार क्षेत्र के गांवों तक चलाई जाएं बसें : शिमला देवी
शिमला देवी ने कहा कि सरकार की यह सुविधा महिलाओं के लिए वरदान है। लेकिन इसकी सुविधा महिलाओं को तभी मिलेंगी जब धार क्षेत्र के गांवों तक सरकारी बसों चलेंगे। इस लिए सरकार से अनुरोध है कि गांवो तक सरकारी बसें चलाई जाएं।