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पहले दिन 10 फीसद महिलाओं ने किया सफर

वीरवार से प्रदेश में महिलाओं के लिए सरकारी बसों में फ्री बस सुविधा शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Apr 2021 11:00 PM (IST)Updated: Thu, 01 Apr 2021 11:00 PM (IST)
पहले दिन 10 फीसद महिलाओं ने किया सफर
पहले दिन 10 फीसद महिलाओं ने किया सफर

जागरण संवाददाता, पठानकोट : वीरवार से प्रदेश में महिलाओं के लिए सरकारी बसों में फ्री बस सुविधा शुरू हो गई है। रोजाना की तुलना पहले दिन जानकारी का अभाव होने की वजह से मात्र दस फीसद महिलाएं इसका लाभ उठा पाई। हालांकि, इनकी संख्या ज्यादा है। कइयों के पास पहचान पत्र न होने की वजह से उन्हें निश्शुल्क बस सफर का लाभ नहीं मिल पाया।

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सरकार द्वारा महिलाओं को सरकारी बसों में फ्री बस सुविधा शुरू किए जाने पर खुशी पाई जा रही है। महिलाओं का कहना है कि सरकार का यह एतिहासिक फैसला है। वीरवार को शुरू हुई फ्री बस सुविधा के पहले दिन पठानकोट से चंडीगढ़ के लिए 12, अमृतसर के लिए 15, जालंधर-लुधियाना के लिए 14 सरकारी बसों में महिलाओं ने फ्री सुविधा का लाभ उठाया। कुछेक महिला यात्री साथ लगते हिमाचल प्रदेश व जेएंडके से संबंधित थी। फ्री सुविधा के तहत केवल पंजाब की महिलाओं को यह सुविधा का लाभ प्राप्त होगा। पठानकोट से जालंधर अपने पति संग सफर करने वाली मोनिका ने बताया कि उन्हें पिछले कल ही पता चल गया था। जिसके बाद वह अपना आधार कार्ड साथ लेकर आई हैं। इसी प्रकार चंडीगढ़ जाने वाली दुनेरा की रेखा रानी भी अपने साथ आधार कार्ड लेकर पहुंची थी। रेखा ने बताया कि उन्हें इस बात का यकीन नही था कि उन्हें किराया माफ होगा, कंडक्टर ने जब उन्हें अपना आधार कार्ड दिखाने के लिए कहा तो उसके बाद टिकट नहीं काटी। मोनिका ने कहा कि पंजाब सरकार ने महिलाओं को तोहफा दिया है। सरकार का यह फैसला सराहनीय है। तारागढ़ से अपनी माता जीतो देवी के साथ पहुंची सीमा ने कहा कि उनका तथा उनकी माता का आधार कार्ड उनके पास है। बस में बैठने पर कंडक्टर ने उनसे पहचान पत्र दिखाने को कहा जिसके बाद टिकट नहीं काटी, लेकिन उनकी बड़ी बहन अंजू बाला अपना पहचान पत्र भूल आई थी, जिसके बाद उसकी टिकट लेने को कहा। कंडक्टर ने कहा कि यदि आप अपना पहचान पत्र दिखा देती हैं तो आपको भी किराया माफ कर दिया जाएगा। इसके बाद घर से व्हटसएप पर आधार कार्ड मंगवाकर उसका प्रिट निकलवाकर कंडक्टर को दिखाया तो उसका किराया भी माफ हो गया। इसी प्रकार पठानकोट की रहने वाली अध्यापिका सुमन बाला ने बताया कि उनका तबादला कुराली में हुआ है। इससे पहले वह किराया देकर सफर करती थी, लेकिन किराया माफ होने के बाद आर्थिक तौर पर राहत मिली है।

पठानकोट से चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई पनबस के ड्राइवर दविद्र तरनाच व कंडक्टर सतीश कुमार ने कहा कि पहले दिन जानकारी का अभाव होने की वजह से बहुत कम महिलाओं ने सफर किया।सफर के दौरान कुछेक महिला यात्री ऐसी भी थी जिनके पास पहचान पत्र नहीं था।जबकि, कुछेक महिला यात्री दूसरे प्रदेश की थी। सफर के दौरान महिला यात्री को आधार कार्ड व वोटर कार्ड दोनों में से एक दिखना जरूरी है। इसके बिना महिला यात्री बस में निश्शुल्क बस की सुविधा का लाभ नहीं ले सकती।


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