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निगम की एनओसी के बिना रेवेन्यू विभाग नहीं कर पाएगा रजिस्ट्रियां

निगम की एनओसी के बिना रेवेन्यू विभाग अब धारकों की रजिस्ट्रियां नहीं कर पाएगा। निगम प्रशासन ने रेवेन्यू विभाग को एक पत्र जारी किया है। इसमें परिधि में आती जमीन व प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त करने वाले की तब तक रजिस्ट्री नहीं करने के लिए कहा गया है जब तक वह एनओसी की कापी न दिखा दे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 09:52 PM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2020 07:02 PM (IST)
निगम की एनओसी के बिना रेवेन्यू विभाग नहीं कर पाएगा रजिस्ट्रियां
निगम की एनओसी के बिना रेवेन्यू विभाग नहीं कर पाएगा रजिस्ट्रियां

जागरण संवाददाता, पठानकोट : निगम की एनओसी के बिना रेवेन्यू विभाग अब धारकों की रजिस्ट्रियां नहीं कर पाएगा। निगम प्रशासन ने रेवेन्यू विभाग को एक पत्र जारी किया है। इसमें परिधि में आती जमीन व प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त करने वाले की तब तक रजिस्ट्री नहीं करने के लिए कहा गया है जब तक वह एनओसी की कापी न दिखा दे।

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निगम का कहना है कि इससे जहां अवैध रूप से हो रहे निर्माण का पता चल जाएगा, वहीं धारकों से इसके बदले में निगम को भी लाखों रुपये की अदायगी होने की उम्मीद है। अधिकांश लोग अभी एनओसी नहीं लेते हैं। जब यह अनिवार्य होगा तो जमीन की खरीद-बिक्री करने वालों को अपने जमीन की एनओसी जरूर लेनी होगी। ओटीजी व एम्युनिशन डिपो के एक हजार मीटर में पहले से ही है प्रतिबंध

जिला प्रशासन द्वारा सेना के एम्युनिशन व ओटीजी (आर्डिनेंस ट्रांजिट कैंप) के दायरे में आने वाले एरिया में रजिस्ट्री पर पहले से रोक लगाई हुई है। हालांकि, एक हजार मीटर के दायरे में भवन निर्माण की मंजूरी न होने के बावजूद 1100 से ज्यादा भवन खड़े हो चुके हैं। एक हजार मीटर के दायरे में नगर निगम के मामून के साथ ही मनवाल, सिउंटी, लमीनी जैसे ग्रामीण इलाके भी हैं। शहरी इलाके में निगम सख्त अंदाज में दिख रही है पर ग्रामीण इलाकों में ग्राम पंचायतों ने चुप्पी साधे रखी है। संशय इस बात का है कि पुराने निर्मित भवनों को लेकर निगम किस तरह की कार्रवाई करेगा। शहर का मामून हिस्सा पहले था पंचायत

साल 2015 से पहले मामून क्षेत्र पहले पंचायत के अधीन था। नगर निगम का हिस्सा बनने के बाद हजार मीटर की नोटिफिकेशन अधिकारियों के ध्यान में आया। पहले तो कई साल तक इस नोटिफिकेशन को लेकर माथापच्ची रही। अब सरकार और सेना की सख्ती के बाद निगम को इस मसले पर जवाब देना पड़ रहा है। मामले कोर्ट में पहुंचने पर निगम को कार्रवाई का रास्ता चुनना पड़ा है।

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- यहां लागू होती है पाबंदी : एम्युनिशन डिपो एवं आर्डिनेंस ट्रांजिट कैंप

- हजार मीटर की परिधि में आने वाले स्थान : मामून, लमीनी, सिउंटी, मनवाल

- ओटीजी (आर्डिनेंस ट्रांजिट कैंप) की परिधि : मामून, लमीनी, सिउंटी, मनवाल

- प्रभावित आबादी : 20 हजार

- दायरे में हो चुके निर्माण : 1100 भवन

- कमर्शियल भवन : 270

- - कॉलोनी : 15

- सेना ने दायर किए उल्लंघना केस : 100

- प्रभावित कालोनाइजर : 50 रेवेन्यू विभाग को एक पत्र भेजा : एटीपी

ओटीजी व एम्युनिशन डिपो एरिया में नई कंस्ट्रक्शन अथवा जमीनों की रजिस्ट्री के अलावा रेवेन्यू विभाग को एक पत्र भेजा गया है। इसके माध्यम से कहा गया है कि निगम की परिधि की जमीन सहित नई खरीद-फरोख्त की रजिस्ट्री करने से पहले निगम की एनओसी को देखा जाए। बिना एनओसी के किसी भी धारक की रजिस्ट्री न की जाए।

- सरदार परमजोत सिंह, कार्यकारी एटीपी नगर निगम।

पत्र मिलने पर लागू करेंगे : एसडीएम

निगम द्वारा एओसी के बिना रजिस्ट्री न करने का पत्र अभी नहीं भेजा गया है। इसलिए, विभागीय स्तर पर लोगों की रजिस्ट्रियां नहीं रोकी जा रही। पत्र मिलने पर वह इसे जरूर लागू करेंगे।

अरविद कुमार वर्मा, तहसीलदार पठानकोट


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