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सिविल अस्पताल में दिव्यांग और बुजुर्ग को मिला सहारा, हर वार्ड में मिलेगी व्हीलचेयर

वीरवार को सिविल अस्पताल की ओपीडी में मरीजों का आवागमन जारी था। इन्हीं के बीच बुजुर्ग और दिव्यांगों को अस्पताल में एंट्री करते ही व्हीलचेयर नजर आई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 11:41 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 06:10 AM (IST)
सिविल अस्पताल में दिव्यांग और बुजुर्ग को मिला सहारा, हर वार्ड में मिलेगी व्हीलचेयर
सिविल अस्पताल में दिव्यांग और बुजुर्ग को मिला सहारा, हर वार्ड में मिलेगी व्हीलचेयर

संवाद सहयोगी, पठानकोट : वीरवार को सिविल अस्पताल की ओपीडी में मरीजों का आवागमन जारी था। इन्हीं के बीच बुजुर्ग और दिव्यांगों को अस्पताल में एंट्री करते ही व्हीलचेयर नजर आई। चलने फिरने में असमर्थ और दूसरों के सहारे के साथ आए इन मरीजों के लिए व्हीलचेयर बड़ा आसरा बनीं। इसके सहारे आसानी से चिकित्सक तक पहुंचकर अपनी स्वास्थ्य जांच करवाई।

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खास बात है कि सिविल अस्पताल में बुजुर्गो और दिव्यांग मरीजों को व्हीलचेयर के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। दैनिक जागरण के चलती रहे यह जिदगी अभियान में व्हीलचयेर नदारद होने का मुद्दा उठने के बाद प्रशासन ने इसे संजीदगी से लिया है। अब अस्पताल परिसर में चार व्हीलचेयर रखवा दी गई हैं। ओपीडी काउंटर के साथ भवन हॉल में प्रवेश करते ही व्हीलचेयर को स्थायी रूप से रखा जाएगा। यहां से कोई भी मरीज या तीमारदार व्हीलचेयर लेकर उपयोग कर सकता है। इवीरवार को इस व्यवस्था के बाद मरीज व्हीलचेयर पर बैठकर ओपीडी तक पहुंचे। प्रशासन ने व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए कर्मचारियों को भी आदेश दिए हैं कि व्हीलचेयर प्रयोग के बाद हॉल में रखी जाएं, जिससे कि मरीजों को इन्हें तलाशने में दिक्कत न हो। बुजुर्ग और दिव्यांग मरीजों की मदद के लिए अस्पताल में व्हीलचेयर की व्यवस्था सुचारू कर दी गई है। यहां अब व्हीलचेयर की संख्या 30 के करीब पहुंच चुकी है। प्रत्येक वार्ड में तीन से चार व्हीलचेयर मरीजों की सुविधाओं के लिए लगा दी गई है और ओपीडी वार्ड में अलग से पांच व्हीलचेयर लगाई गई है ताकि मरीजों को डाक्टर या दवा लेने जाने में कोई परेशानी न हो।

- डॉ. भूपिद्र सिह, एसएमओ

अब परेशानी नही होगी

कांता देवी निवासी पठानकोट ने कहा कि पहले व्हीलचेयर के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ती थी। अब व्हीलचेयर का जगह-जगह प्रबंध करके अस्पताल प्रबंधन ने बुजुर्गो और दिव्यांगों की परेशानी कम करदी है। अब व्हीलचेयर ढूंढने के लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा है।

दो मिनट में मिली व्हीलचेयर

जोगराज निवासी खानपुर ने बताया कि उसके परिजन ऑटो के जरिए उसे उपचार के लिए अस्पताल लेकर आए थे। जैसे ही भीतर आए तो उन्हें व्हीलचेयर की सुविधा मिल गई। जिस पर बैठकर उसने अपना डॉक्टर से उपचार करवाया।


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