खरीद एजेंसियों के पास गोदाम की कमी, खुले शेड में रखी गेहूं
पठानकोट पिछले साल के मुकाबले इस बार साढ़े सात हजार अधिक मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन बढ़ने के बाद भी फसल खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई है।
जागरण संवाददाता, पठानकोट: पिछले साल के मुकाबले इस बार साढ़े सात हजार अधिक मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन बढ़ने के बाद भी फसल खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई है। पिछले साल 60834 मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन जिले में हुआ था, जो इस बार पिछले के मुकाबले 7636 मीट्रिक टन ज्यादा है। जिले में खरीद एजेंसियों के पास गोदाम की कमी है, यही कारण है कि गेहूं अब भी गोदाम के नाम पर बने खुले शेड में रखी गई है। आए दिन मौसम खराब होने से जहां अनाज के भीगने डर बना हुआ रहा है, वहीं किसानों की मेहनत पहले अनाज मंडियों और अब खुले गोदामों में सड़ने को मजबूर है। बेशक किसानों को उनका मेहनताना मिल चुका है, पर करोड़ों का यह अनाज कभी भी बारिश की मार से भीग सकता है। ऐसा पहली बार नहीं है, बल्कि हर साल यह हालात बनते हैं। जिले में खरीद एजेंसियां मंडियों में गेहूं की खरीद करती हैं, पर बाद में इसे सुरक्षित रखने के इंतजाम नहीं हो पाते हें। बिना गोदाम एवं शेड की व्यवस्था न होना इसका बड़ा कारण है। जिले में इस बार गेहूं की लिफ्टिंग के साथ ही खरीद प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। ऐसे में किसानों एवं प्रशासन का दायित्व भी पूरा हो चुका है। अब खरीद एजेंसियां खुले में गेहूं को रखकर ही काम चला रही हैं। इन दिनों मौसम लगातार करवट बदल रहा है और आने वाले दिनों में भी बारिश की संभावना है। ऐसे में गेहूं की सुरक्षा का इंतजाम अभी तक नहीं हो पाया है। इन्होंने इतनी खरीदी गेहूं मीट्रिक टन में एफसीआई - 21566 मीट्रिक टन
पनग्रेन - 21579 मीट्रिक टन
मार्कफेड - 7296 मीट्रिक टन
पनसप - 3706 मीट्रिक टन
वेयरहाउस - 6507 मीट्रिक टन
गेहूं की खरीद के बाद एजेंसियां अपने स्तर पर फसल की देखरेख करती हैं। प्रशासन भी उन्हें हर सहयोग प्रदान करता है। गेहूं के उचित रखरखाव के लिए एजेंसियां प्रशासन से मदद ले सकती हैं।
अभिजीत कपलिश , एडीसी