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सिविल अस्पताल पानी-पानी: जच्चा-बच्चा वार्ड के मरीजों को मेल वार्ड में किया शिफ्ट

समस्या को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को मेल वार्ड में शिफ्ट किया गया। मेल वार्ड पहले से ही भरा होने की वजह से मरीजों को वेटिग एरिया में भी बेड लगाने पड़े।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Aug 2022 10:06 PM (IST)Updated: Fri, 05 Aug 2022 10:06 PM (IST)
सिविल अस्पताल पानी-पानी: जच्चा-बच्चा वार्ड के मरीजों को मेल वार्ड में किया शिफ्ट
सिविल अस्पताल पानी-पानी: जच्चा-बच्चा वार्ड के मरीजों को मेल वार्ड में किया शिफ्ट

संवाद सहयोगी, पठानकोट: भारी वर्षा से सिविल अस्पताल पठानकोट पूरी तरह से जलमग्न हो गया। अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार के साथ-साथ परिसर में भी करीब तीन फीट तक पानी जमा हो गया। ऐसे में मरीजों व स्टाफ को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जच्चा-बच्चा वार्ड तो पूरी तरह से पानी में डूब गया। समस्या को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को मेल वार्ड में शिफ्ट किया गया। मेल वार्ड पहले से ही भरा होने की वजह से मरीजों को वेटिग एरिया में भी बेड लगाने पड़े। पानी में दिखे सांप, दो तीन मरीजों को डसा भी

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चार मरला क्वार्टर से भर्ती महिला ने बताया कि पानी बढ़ने पर मरीजों के तीमारदारों ने एक दूसरे की मदद करते हुए भर्ती मरीजों व नवजात बच्चों को ऊपर वार्ड में शिफ्ट किया। वहीं पानी में सांप भी देखे गए जिनके द्वारा दो से तीन लोगों को काटा भी गया। उन्होंने बताया कि ऐसे में सभी में भय का माहौल पैदा हो गया था कि कहीं सांप बेड पर चढ़कर उनके बच्चों को नुकसान पहुंचा दे। भारी वर्षा के चलते अस्पताल की ग्रांउड फ्लोर पूरी तरह पानी में डूब गया। अस्पताल प्रशासन की माने तो व्यवस्था को पटरी पर लौटने में दो से तीन दिन का समय लग जाऐगा। पूरे अस्पताल परिसर में पानी व गंदगी भर चुकी है। ऐसे में साफ-सफाई की जाएगी व छिड़काव किया जाएगा।

डाक्टर्स नहीं कर पाए ओपीडी

अस्पताल परिसर में पानी भर जाने से एक ओर जहां बिजली की सप्लाई बाधित रही वहीं ओपीडी काउंटर, लैब टेस्ट समेत सभी सेवाएं बंद रही। कमरों में पानी व गंदगी भर जाने के कारण कोई भी डाक्टर ओपीडी नहीं कर पाए। वहीं किसी भी तरह का क्लेरिकल कार्य भी नहीं किया जा सका। मरीज ओपीडी काउंटर के बाहर पर्ची कटवाने व डाक्टर्स को दिखाने के लिए इंतजार करते रहे।

पीपीई यूनिट पूरी तरह डूबी पानी में

नवजातों का टीकाकरण स्थल पीपीई पूरी तरह से पानी में डूब गई। ऐसे में वहां रखा सामान व रिकार्ड भी पानी में डूब गया। वहीं लैब व डायलिसिस यूनिट में भी पानी पूरी तरह भर गया। लैब के अंदर रखा ज्यादातर सामान पानी में डूब गया। सिविल सर्जन कार्यालय में छाया अंधेरा, एमसीएच बिल्डिंग में हुई फार्मासिस्ट की काउंसलिग

बिजली बंद होने के कारण जहां एक ओर सारा अस्पताल अंधेरे में डूब गया वहीं सिविल सर्जन कार्यालय में भी अंधेरा पसरा रहा। ऐसे में मोहल्ला क्लीनिक के लिए फार्मेसी अफसर व अटेंडेंट के लिए रखी काउंसलिग भी बाद दोपहर ही शुरू की जा सकी। सिविल सर्जन कार्यालय में बिजली की सप्लाई न होने के चलते एमसीएच बिल्डिग में इन्वर्टर पर सिस्टम लगा कर किसी तरह 10 फार्मेसी आफिसर व छह अटेंडेंट की काउंसलिग की गई। हर साल होते है ऐसे हालात

अस्पताल प्रशासन की मानें तो हर साल वर्षा के दिनों में उनको ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आधे से ज्यादा शहर का पानी इस एरिया में इकट्ठा हो जाता है व ब्लाकेज हो जाने के चलते पानी अस्पताल परिसर में जमा हो जाता है।


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