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शहर में चालक और वाहन बढ़ते जा रहे, पर सड़क और जाम की समस्या वही पुरानी

बता दें कि जिले में प्रति माह करीब

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 06:35 AM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 06:35 AM (IST)
शहर में चालक और वाहन बढ़ते जा रहे, पर सड़क और जाम की समस्या वही पुरानी
शहर में चालक और वाहन बढ़ते जा रहे, पर सड़क और जाम की समस्या वही पुरानी

विनोद कुमार, पठानकोट: शहरी क्षेत्र में नए और भारी वाहनों के लिए पुरानी सड़कों को ही नए सिरे से तैयार किया जा रहा है, लेकिन ट्रैफिक के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए नए रास्ते बनाने पर कोई जोर नहीं दिया जा रहा है। बता दें कि जिले में प्रति माह करीब 800 नए वाहनों की रजिस्ट्रेशन हो रही है। इसमें कामर्शियल वाहनों की संख्या अलग से है क्योंकि, उनकी रजिस्ट्रेशन गुरदासपुर में होती है। एक तरफ रोजाना वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है और दूसरी तरफ सड़कों की चौड़ाई इन वाहनों के लिए कम पड़ती जा रही है। दुकानदार, रेहड़ी चालक व बाहर से आने वालों के लिए उचित पार्किग व्यवस्था न होने के चलते लोग मजबूरन सड़कों पर ही वाहन खड़े कर रहे हैं। ऐसे में शहर में आने वाले वाहन चालक जिला प्रशासन से पूछने लगे हैं कि आखिर कैसे मिलेगी ट्रैफिक की समस्या से निजात?

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विभागीय आंकड़ों अनुसार सात साल पहले जिले में मासिक तीन सौ के करीब ही नए वाहनों की रजिस्ट्रेशन होती थी। वहीं अब यह आंकड़ा सात सौ से उपर हो गया है। इस तरह 40 गुना वाहन बढ़े हैं। ज्यादातर वाहन शहर से होकर साथ लगते हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लिए गुजरते है। अतिक्रमण भी ट्रैफिक जाम का मुख्य कारण

प्रतिदिन बढ़ती वाहनों की संख्या और सड़कों पर कम होती जगह के कारण ज्यादा दिक्कतें आ रही है। शहर के एपीके रोड़, मेन बाजार, गाड़ी अहाता चौक, ढांगू रोड आदि क्षेत्रों में दुकानदार व रेहड़ी चालक सड़क के किनारे रेहड़ियां लगा रहे हैं जो जाम लगने का मुख्य कारण हैं। हालांकि, समय-समय पर निगम द्वारा उक्त दुकानदारों व रेहड़ी चालकों पर कार्रवाई भी की जाती है परंतु कुछ दिनों बाद स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली हो जाती है। एक साल से बंद पड़ा है स्लिप वे

करीब सात साल पहले तत्कालीन एसडीएम पठानकोट मेजर अमित महाजन ने एपीके रोड पर चौधरी प्यारे लाल पेट्रोल पंप से लेकर काली माता मंदिर चौक तक नई स्लिप-वे का निर्माण करवाया था। इससे ढांगू रोड व पटेल चौक जाने वाले वाहन चालकों को फाटक बंद होने के बाद निकलने में काफी राहत मिली रही थी। एक साल से ये रास्ता बंद है जिसका नए सिरे से नवीनीकरण करने के बाद शुरू किया जाना है। एक और बाईपास की जरूरत

करीब सात साल पहले पूर्व की अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल दौरान तत्कालीन विधायक अश्वनी शर्मा ने शहर के खड्डी-खड्ड से बाईपास सर्कुलर रोड का निर्माण करवाया था। उक्त मार्ग बनने से शहर में बीस फीसद से अधिक ट्रैफिक की समस्या का समाधान हुआ है, लेकिन इन सात सालों में वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जिसे देखते हुए जिला प्रशासन को एक और बाईपास निर्माण के लिए सोचना होगा ताकि आगामी पंद्रह-बीस वर्षो तक लोगों को ट्रैफिक की समस्या से थोड़ी बहुत निजात मिल जाए। प्रति माह आठ सौ से अधिक वाहनों की होती है रजिस्ट्रेशन : रमेश

आरटीओ कार्यालय पठानकोट में संबंधित क्लर्क रमेश का कहना है कि प्रति माह 800 नए वाहनों की रजिस्ट्रेशन हो रही है, जिसमें 600 के करीब टू-व्हीलर और दो सौ चौपहिया वाहन। इसमें कामर्शियल वाहन शामिल नहीं है, क्योंकि उनकी रजिस्ट्रेशन गुरदासपुर स्थित आरटीओ कार्यालय में होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह पांच सौ के करीब लर्निग और 250 से अधिक पक्के लाइसेंस बनाए जा रहे हैं।

इंजनियरिग ब्रांच ट्रैफिक कंट्रोल करने के विकल्प तलाश रही: ज्वाइंट कमिश्नर सुरजीत सिंह

नगर निगम के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर कम ज्वाइंट कमिश्नर इंजीनियर सुरजीत सिंह ने कहा कि ट्रैफिक समस्या के समाधान को लेकर पिछले दिनों विधायक अमित विज ने अधिकारियों के साथ एक मीटिग की थी। मीटिग के दौरान शहर के मुख्य चौकों पर फलाईओवर तथा मार्गो की चौड़ाई को बढ़ाने के लिए कहा है। इसके बाद निगम की इंजीनियरिग ब्रांच ने ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए विकल्प तलाशने का काम शुरू कर दिया है।


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