पहले दिन चली पांच ट्रेनें, सात रही कैंसिल
आखिरकार वह घड़ी आ ही गई जिसका लोग बेसब्री से इंतजार रहे थे। दो महीनों बाद वाराणसी गोरखपुर ओर अंबेडकर नगर से जम्मूतवी व कटड़ा जाने वाली सुपरफास्ट ट्रेनें पठानकोट कैंट स्टेशन पर पहुंची।
जागरण संवाददाता, पठानकोट :
आखिरकार वह घड़ी आ ही गई जिसका लोग बेसब्री से इंतजार रहे थे। दो महीनों बाद वाराणसी, गोरखपुर ओर अंबेडकर नगर से जम्मूतवी व कटड़ा जाने वाली सुपरफास्ट ट्रेनें पठानकोट कैंट स्टेशन पर पहुंची। जबकि, वापसी पर वाराणसी ओर गोरखपुर एक्सप्रेस अपने गंतव्य तक पहुंची। स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए जीआरपी व आरपीएफ के जवान तो ड्यूटी पर दिखे, लेकिन हेल्थ ब्रांच का कोई कर्मचारी नहीं दिखा। यात्री ट्रेन से उतरे व मेन रास्ते से बाहर निकले। जाने वाले यात्री भी मेन गेट से स्टेशन पर दाखिल हो रहे थे। हैरानी वाली बात यह है कि यात्रियों के हाथों को सैनिटाइज करवाने के लिए कोई कर्मचारी तैनात नहीं किया गया। इस संबंधी जब हेल्थ ब्रांच के अधिकारियों का कहना था कि सफर करने वाले यात्रियों को अपने साथ सैनिटाइजर रखना है। हेल्थ ब्रांच को हायर अथारिटी ने जो जिम्मेवारी सौंपी है उसे वह पूरी तरह से निभा रहा है।
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तीन ट्रेनें से पठानकोट पहुंचे 40 यात्री, रवाना हुए 15
पहले दिन वाराणसी-जम्मूतवी बेगमपुरा अपने निर्धारित समय सुबह 9:15 बजे पठानकोट कैंट पहुंची। इसमें 25 यात्री पठानकोट कैंट उतरे। इसके बाद गोरखपुर-जम्मूतवी सुबह 11:05 बजे पहुंचे इसमें पांच यात्री उतरे। दोपहर तीन बजे मालवा सुपरफास्ट में 10 यात्री कैंट पहुंचे। जम्मूतवी से वाराणसी जाने वाली बेगमपुरा में 15 यात्री लखनऊ की ओर रवाना हुए।
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यह ट्रेंने रही कैंसिल
-12238 जम्मूतवी-वाराणी। (बेगमपुरा सुपरफास्ट)
-12920 कटड़ा-डाक्टर अंबेडकर नगर। (मालवा सुरफास्ट)
-12426 जम्मूतवी-दिल्ली (राजधानी)
-02422 जम्मूतवी-ईलाहाबाद (स्पेशल)
-12472 कटड़ा-मुंबई (स्वराज सुपरफास्ट)
-14610 कटड़ा- ऋषिकेश (हेमकुंट एक्सप्रेस)
-13152 जम्मूतवी-कोलकाता (सियालदाह एक्सप्रेस)
-12414 जम्मूतवी-अजमेर (पूजा सुपरफास्ट)
- 11078 जम्मूतवी-पूणे (झेलम एक्सप्रेस)
-16032 कटड़ा- चेन्नई (चेन्नई एक्सप्रेस)
-12332 कटड़ा- कोलकाता (हिमगिरी सुपरफास्ट)
-14646 जम्मूतवी-दिल्ली (शालीमार एक्सप्रेस)
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दस ने करवाई रिजर्वेशन, पांच ने करवाई कैंसिल
ट्रेनें का आवागमन शुरु होने के बाद लोगों ने रिजर्वेशन करवाने का काम शुरु करवा दिया है। मंगलवार को पठानकोट कैंट स्टेशन के रिजर्वेशन केंद्र पर दस यात्रियों ने दिल्ली, लखनऊ व वनारस के लिए रिजर्वेशन करवाई। इससे रेल के खाते में करीब 12 हजार रुपए की राशि आई। जबकि, ट्रेनें कैंसिल होने के कारण पांच यात्रियों ने अपना रिफंड भी लिया।
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पहले दिन घरेलू सामान के आए 6 पैकेट
मंगलवार को वाराणसी, गोरखपुर व डाक्टर अंबेडकर नगर से पहुंची तीन सुपरफास्ट ट्रेनों में से किसी भी ट्रेन में कोई पार्सल नहीं आया। जबकि, जम्मूतवी से वाराणसी जाने वाली बेगमपुरा एक्सप्रेस से 6 घरेलू पैकेट पार्सल सामान आया। ..................................
स्टेशनों पर नहीं खुली चायपान की दुकानें
बेशक लंबी दूरी की रेलगाड़ियां शुरू हो गई हैं। लेकिन, कैंट स्टेशन पर यात्रियों के खान-पान के लिए बनाए गए सभी स्टाल बंद रहे। कैंटीन भी नहीं खुली। हालांकि, वाराणसी जाने वाले अभिषेक कुमार व सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि वह घर से बोतलों में पानी, खाना व थर्मस में चाय लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक कोरेाना शुरू हुआ है तब से वह बाहर का खाना नहीं खा रहे।
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जवानों को मुस्तैदी से ड्यूटी करने का दिया आदेश- पोस्ट कमांडर
ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ को सौंपी गई है। आरपीएफ स्टाफ यात्रियों को यहां एक दूसरे के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी बनाने के लिए जागरूक कर रहे हैं, वहीं उन्हें किसी भी बाहरी से कुछ न खाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आरपीएफ पठानकोट कैंट के पोस्ट कमांडर इंस्पेक्टर नितेश सालवी ने कहा कि स्टेशनों पर सिवाय यात्रियों के बाहरी व्यक्तियों को नहीं आने दिया जाएगा। प्लेटफार्म पर भीड़ इक्टठा नहीं होने दी जाएगी ओर आने वालों को फिजिक्ल डिस्टेंसिग की पालना करने के लिए कहा जाएगा।
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व्यापार मंडल ने जताई खुशी
व्यापार मंडल पठानकोट के जिला प्रभारी भारत महाजन, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अमित नय्यर व महासचिव राजेश पुरी ने कहा कि ट्रेनें बंद होने के कारण यहां आम जन समस्या से परेशान था, वहीं व्यापारियों को ज्यादा परेशानियां उठानी पड़ रही थी। अब धीरे-धीरे ट्रेनें पटरी पर दौड़ना शुरू हो गई हैं जिससे आम लोगों के साथ-साथ कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने रेलवे से बाकी ट्रेनों को भी एक-एक कर चलाने की मांग की है।