सावन के आखिरी सोमवार पर मंदिरों में शिवलिग का जलाभिषेक चढ़ाने वालों का लगा तांता
सुबह पांच बजे से ही मंदिरों में भक्तों का आना शुरू हो गया था। मंदिर के आसपास की सभी दुकानें सुबह ही खुल गई थीं। श्रद्धालुओं इन दुकानों से बिल्व पत्र धूप चंदन अगरबत्ती पुष्प धतूरा फल शहद आदि लेकर शिवलिंग पर अर्पित किए।
जागरण संवाददाता, पठानकोट : सावन मास के अंतिम सोमवार को मंदिरों में शिवलिग का जलाभिषेक करने वालों का दिनभर तांता लगा रहा। श्रद्धालु कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का प्रतीक्षा करते नजर आए। इसके लिए मंदिरों को विशेष तौर पर सजाया गया था। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर प्रबंधन की ओर से विशेष प्रबंध किए गए थे।
सुबह पांच बजे से ही मंदिरों में भक्तों का आना शुरू हो गया था। मंदिर के आसपास की सभी दुकानें सुबह ही खुल गई थीं। श्रद्धालुओं इन दुकानों से बिल्व पत्र, धूप, चंदन, अगरबत्ती, पुष्प, धतूरा, फल, शहद आदि लेकर शिवलिंग पर अर्पित किए। दूध, गांगाजल से भी जलाभिषेक कर मन्नतें मांगी। शहर के काठगढ़, मुक्तेश्वर धाम, काली माता मंदिर, शनिदेव मंदिर, भोलेनाथ मंदिर, भरोली, चटपटबनी मंदिर, शिवमंदिर भद्रोहो, दूधाधारी नाग मंदिर, शिव मंदिर सुंदरनगर, शिव मंदिर टाप हिल, शिवमंदिर डमटाल आदि मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे। शिवलिग पर जल चढ़ाने व पूजा पाठ करने का क्रम देर शाम तक जारी रहा। इसके अलावा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सभी शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के जयघोष के बीच जलाभिषेक किया। मंदिरों से लेकर घरों तक दिन भर श्रद्धा की बयार बहती रही। श्रद्धालुओं ने लगाया भंडारा
शिवरात्रिके उपलक्ष्य में श्रद्धालुओं ने मंदिरों के बाहर और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भंडारे व प्रसाद बांटकर पुण्य कमाया। बाजारों में भी कई जगहों पर भंडारे लगाए गए। मेहनतकश लोगों ने इसका लाभ उठाया। इसके अलावा यहां पर काफी संख्या भक्त भी मौजूद थे।