Move to Jagran APP

उधार के अधिकारियों से चल रहा पठानकोट नगर सुधार ट्रस्ट का काम, एक वर्ष से ईओ, एक्सईएन, एसडीओ व जेई के पद रिक्त

नगर सुधार ट्रस्ट के पास पिछले लंबे समय से अधिकारियों व स्टाफ का टोटा है। नगर सुधार ट्रस्ट के पास न ईओ एक्सईएन एसडीओ यहां तक की जूनियर इंजीनियर भी नहीं है। सभी एडहाक बेस पर दूसरे विभागों से लिए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 05:15 AM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 05:15 AM (IST)
उधार के अधिकारियों से चल रहा पठानकोट नगर सुधार ट्रस्ट का काम, एक वर्ष से ईओ, एक्सईएन, एसडीओ व जेई के पद रिक्त
उधार के अधिकारियों से चल रहा पठानकोट नगर सुधार ट्रस्ट का काम, एक वर्ष से ईओ, एक्सईएन, एसडीओ व जेई के पद रिक्त

विनोद कुमार, पठानकोट: नगर सुधार ट्रस्ट के पास स्टाफ का टोटा होने के कारण जहां सरकारी कार्यो में देरी हो रही है, वहीं लोगों को भी अपने काम करवाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। नगर सुधार ट्रस्ट के पास पिछले करीब एक वर्ष से ईओ, एक्सईएन, एसडीओ व जेई के पदों पर किसी स्थायी अधिकारी की तैनाती नहीं की गई है। उधार के अधिकारियों की सहायता से काम चलाया जा रहा है। उक्त अधिकारी सप्ताह में एक-आध बार ही कार्यालय आते हैं। ऐसे में ठेकेदारी प्रथा के तहत कार्यरत स्टाफ से ही काम चलाया जा रहा है। ऐसा भी नहीं है कि इस संबंधी चेयरमैन विभूति शर्मा ने निकाय विभाग से बात न की हो। मामले को लेकर वह निकाय मंत्री से भी मिल चुके हैं परंतु सिवाय आश्वासनों के हाथ कुछ नहीं लगा।

prime article banner

नगर सुधार ट्रस्ट के पास पिछले लंबे समय से अधिकारियों व स्टाफ का टोटा है। नगर सुधार ट्रस्ट के पास न ईओ, एक्सईएन, एसडीओ यहां तक की जूनियर इंजीनियर भी नहीं है। सभी एडहाक बेस पर दूसरे विभागों से लिए गए हैं। उक्त अधिकारी यहां कभी-कभार ही आते हैं। अधिकारियों के न होने के कारण न तो नए कार्य का कोई एस्टीमेट बनाया जा रहा है और न ही लोगों की कंप्लेंट का स्थायी समाधान हो पा रहा है। ठेके पर रखे कर्मचारियों के जरिए ही पिछले करीब एक साल से ट्रस्ट सारा काम करवा रहा है। अधिकारियों को जब पठानकोट में ज्यादा समय देने की बात की जाती है तो वह कहते हैं कि यह उनका अस्थायी चार्ज है। बिना अधिकारी के अभियान चलाना भी मुश्किल

ट्रस्ट के पास दो-तीन जो पक्के कर्मचारी हैं उनका कहना है कि कोई भी अभियान अधिकारियों के नेतृत्व में ही चलाया जाता है। ठेके पर भर्ती किए गए मुलाजिमों के पास उतनी पावर नहीं होती कि वह किसी पर कोई कार्रवाई कर सकें। अधिकारियों की कमी का पता होने के कारण शहर के डलहौजी रोड, एपीके रोड, श्याम प्रसाद मुखर्जी मार्केट में दिन ब दिन अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। दुकानदार एक-दूसरे को देख कर दुकान सड़क के किनारे तक लगाना शुरू हो गए हैं। अतिक्रमणकारियों पर अभियान चलाने के लिए कम से कम एसडीओ या जूनियर इंजीनियर टीम का नेतृत्व करे तो ही कुछ बात बन सकती है। इसके अलावा कई अन्य कार्य भी अधिकारियों के न होने के चलते प्रभावित हो रहे हैं।

स्टाफ की कम की चलते कई कार्य नहीं करवा पा्रएर: चेयरमैन

उधर, इस संदर्भ में जब नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन विभूति शर्मा से बात की तो उनका कहना था कि इस संबंधी पहले निकाय विभाग को लिखा गया, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। इसके बाद वह चंडीगढ़ में निकाय मंत्री ब्रह्म महिंद्रा से भी मिले परंतु उन्होंने ने भी केवल आश्वासन दिया। कहा कि स्टाफ की कमी के कारण वह चाहते हुए भी कई ऐसे कार्य थे जो नहीं करवा पा रहे


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.