विक्टोरिया एस्टेट से टयूबवेल को जाने वाले रास्ते का एसडीओ ने लिया जायजा
यह सब देखकर एसडीओ ने गांव वासियों को आश्वासन दिया कि आपके खेतों में पानी लगाने को मिल जाएगा। आप धान की फसल लगाने की तैयारी करें। जिन लोगों ने यह पानी की पाइप तोड़ी है वह खुद इसे बनवा कर देंगे।
संवाद सूत्र, मामून: ट्यूबवेल कार्पोरेशन के एसडीओ जितेंद्र भगत और जूनियर इंजीनियर निशांत शर्मा शनिवार को गांव कुठेड़ पहुंचे और विक्टोरिया एस्टेट द्वारा बंद किए गए ट्यूबवेल के रास्ते का जायजा लिया। उन्होंने गांव की सरपंच सुमन बाला को भी मौके पर बुलाया। गांव वासियों द्वारा एसडीओ को विक्टोरिया एस्टेट द्वारा ट्यूबवेल को जाने वाला रास्ता जो बंद कर दिया गया था वह दिखाया गया, जो खेतों में पानी लगाने के लिए बोगियां बनाई गई थीं उन्हें तोड़ा गया था, उनका भी मौका दिखाया गया। यह सब देखकर एसडीओ ने गांव वासियों को आश्वासन दिया कि आपके खेतों में पानी लगाने को मिल जाएगा। आप धान की फसल लगाने की तैयारी करें। जिन लोगों ने यह पानी की पाइप तोड़ी है, वह खुद इसे बनवा कर देंगे। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ पुलिस केस किया जाएगा। टयूबवेल को जाने वाला जो रास्ता बंद किया गया है वह भी खुलवा दिया जाएगा।
बता दें कि गांव कुठेड़ के किसानों के शिष्टमंडल ने डिप्टी कमिश्नर हरबीर सिंह से मुलाकात कर विक्टोरिया एस्टेट की ओर से ट्यूबवेल को जाने वाले रास्ते को बंद करने का मुद्दा उठाया गया था। इस दौरान सरपंच सुमन ठाकुर, प्रिया देवी, जगदीप सिंह, बलकार सिंह, ओम प्रकाश, भाग सिंह, जंग बहादुर सिंह, दलबीर सिंह, बलविदर सिंह, नसीब सिंह, पुरुषोत्तम सिंह, अच्छर सिंह, अमरीक सिंह, मनिदर सिंह, गगन सिंह, आकाश चौहान आदि शिष्टमंडल में मौजूद रहे थे। शिष्टमंडल ने डीसी से की थी शिकायत
शिष्टमंडल ने डीसी को की शिकायत में बताया कि सरकार द्वारा 2004 में एक ट्यूबवेल लगा कर दिया था ताकि इससे हम अपनी जमीन को पानी देकर अपनी उपज बढ़ा सकें, लेकिन जिस जमीन में ट्यूबवेल लगाया गया था, उसके मालिक ने अपनी जमीन साथ लगते विक्टोरिया एस्टेट को बेच दी। इसके बाद विक्टोरिया एस्टेट ने ट्यूबवेल को जाने वाले रास्ते में दीवार लगवाकर रास्ते को बंद कर दिया। अब किसानों को खेतों में धान की पनीरी लगा रखी है जो सूख रही है। इस पर डिप्टी कमिश्नर की ओर से संबंधित विभाग को इस मसले के जल्द हल करने के निर्देश जारी किए गए थे।