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घोषण पत्र में किए वादे पूरी न करने वाली राजनीतिक पार्टी की मान्यता हो रद

जो राजनीतिक पार्टी अपने चुनाव घोषणा पत्र के मुताबिक जनता से किए वादे को पूरा नहीं करती उसके लिए सर्वोच्च न्यायालय व चुनाव आयोग को कानून बनाना चाहिए। ताकि कोई भी राजनीतिक पार्टी जनता से झूठा वादा न कर सके।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 05:38 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 05:38 PM (IST)
घोषण पत्र में किए वादे पूरी न करने वाली राजनीतिक पार्टी की मान्यता हो रद
घोषण पत्र में किए वादे पूरी न करने वाली राजनीतिक पार्टी की मान्यता हो रद

संवाद सहयोगी, सुजानपुर : जो राजनीतिक पार्टी अपने चुनाव घोषणा पत्र के मुताबिक जनता से किए वादे को पूरा नहीं करती, उसके लिए सर्वोच्च न्यायालय व चुनाव आयोग को कानून बनाना चाहिए। ताकि कोई भी राजनीतिक पार्टी जनता से झूठा वादा न कर सके। इसपर बुद्धिजीवियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि अगर राजनीतिक पार्टी अपने घोषणा पत्र के मुताबिक वादे पूरे नहीं करती तो उसकी मान्यता रद होनी चाहिए। जहां वर्तमान सरकार अपने वादे पूरे नहीं कर सकी है, वहीं 2022 के चुनाव को देखकर राजनीतिक पार्टियों ने अपने बोर्ड भी लगाने शुरू कर दिए हैं। दिशा साहित्य मंच अध्यक्ष डा. लेखराज व प्रिसिपल त्रिभुवन सिंह चेयरमैन सोशल वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा कि चुनाव आयोग को सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए कानून बनाना चाहिए। ताकि कोई भी राजनीतिक पार्टी जनता से झूठा वादा न कर सके। राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के बाद जनता से किए वादे भूल जाती है। इसके लिए भारत सरकार को कानून बनाना चाहिए। डाक्टर दर्शन त्रिपाठी सीनियर सिटीजन ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव में बड़े-बड़े दावे जनता से कर लेती हैं। मगर घोषणा पत्र के मुताबिक कोई भी पार्टी अपना वादा पूरा नहीं करती है। इसके लिए कानून बनना चाहिए।

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जनता से किए वादे पूरे नहीं करती पार्टियां : शर्मा

मास्टर सुभाष शर्मा चेयरमैन पंजाब घरेलू मजदूर यूनियन ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां जनता से झूठे वादे करती है। वर्तमान सरकार ने घर- घर नौकरी देने का वादा किया था। बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था, जिसको पूरा नहीं किया है। वहीं आम आदमी पार्टी होर्डिंग बोर्ड लगाकर मुफ्त तथा 24 घंटे बिजली देने का झूठा वादा कर रही है। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय व चुनाव आयोग को अपनी पावर का प्रयोग करके इसपर कानून बनाना चाहिए ताकि कोई भी राजनीतिक पार्टी जनता से झूठा वादा न करें।


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