शहीदों पर नाम पर रखा सीमा चौकियों का नाम
शहीद सुभाष चंद्र शर्मा का जन्म 20 जुलाई 1965 को जिला कोटा राजस्थान में हुआ था। उन्होंने 1989 में सीमा सुरक्षा बल में सहायक कमांडेंट पर पर नियुक्ति ली। 16 अप्रैल 1996 को वह 7वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल में आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात थे।
संवाद सहयोगी, बमियाल: 121वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल की सीमा चौकी डिडा का नाम बदलकर सीमा चौकी शहीद सुभाष के नाम पर कर दिया गया है। वहीं सीमा सुरक्षा बल की चौकी सिबल का नाम बदलकर सीमा चौकी कमलजीत कर दिया गया है। इस संबंधी जानकारी 121वी सीमा सुरक्षा बल माधोपुर कमांडेंट हरिन्द्र पाल सिंह सोही ने दी। सीमा चौकी डिडा का नाम अब शहीद सुभाष
शहीद सुभाष चंद्र शर्मा का जन्म 20 जुलाई 1965 को जिला कोटा, राजस्थान में हुआ था। उन्होंने 1989 में सीमा सुरक्षा बल में सहायक कमांडेंट पर पर नियुक्ति ली। 16 अप्रैल 1996 को वह 7वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल में आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान डयूटी के लिए जाते समय आतंकवादियों ने घात लगाकर आइडी धमाका किया और उनके उपर ताबड़तोड़ गोलाबारी कर दी। शहीद सुभाष चंद्र शर्मा ने अदम्य साहस और बहादुरी का परिचय देते हुए आंतकवादियों का डट कर सामना किया और देश के सम्मान के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इसलिए उनके सम्मान में चौकी का नाम बदलकर सीमा चौकी शहीद सुभाष कर दिया गया है। चौकी सिबल का नाम कमलजीत रखा
कमलजीत सीमा सुरक्षा बल में वायरलेस आपरेटर के पद पर तैनात थे। चार दिसंबर 1971 को सुबह पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया व सीमा चौकी सिबल के साथ ही गांव को भी कब्जे में ले लिया। इस हमले में सीमा सुरक्षा बल, बेतार चालक नायक कमलजीत सिंह ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी व अपने प्राणों की चिता न करते हुए सीमा चौकी सिबल को नहीं छोड़ा। वह पाकिस्तानी फौज के साथ बहादुरी से लड़ते हुए देश के सम्मान के लिए अपने प्राणों की आहुति दे गए। उनके सम्मान में सीमा चौकी सिबल को अब सीमा चौकी कमलजीत कर दिया गया है।