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युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है सिपाही मेहर सिंह का बलिदान

1971 के भारत-पाक युद्ध में शहादत का जाम पीने वाले सेना की तीन पंजाब रेजिमेंट के वीर चक्र विजेता सिपाही मेहर सिंह का 50वां श्रद्धांजलि समारोह मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 04:36 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 04:36 PM (IST)
युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है सिपाही मेहर सिंह का बलिदान
युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है सिपाही मेहर सिंह का बलिदान

संवाद सहयोगी, बमियाल :

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1971 के भारत-पाक युद्ध में शहादत का जाम पीने वाले सेना की तीन पंजाब रेजिमेंट के वीर चक्र विजेता सिपाही मेहर सिंह का 50वां श्रद्धांजलि समारोह मनाया गया। यह समारोह प्रिसिपल किशोर कुमार की अध्यक्षता में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल नरोट जैमल सिंह में आयोजित किया गया। इस दौरान विधायक जोगिदर पाल, शहीद के बेटे प्रवीण सिंह, बहू रमा देवी, पौत्र युगराज सिंह, पौत्री हिमानी, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविदर सिंह विक्की, डीईओ जसवंत सिंह सलारिया, डिप्टी डीईओ राजेश्वर सिंह सलारिया, सुरिदर मन्हास, नगर पंचायत अध्यक्षा दीक्षा ठाकुर, मास्टर राम लाल, कैप्टन मनोहर लाल, कुलजीत सैनी शामिल रहे।

सर्वप्रथम मुख्यातिथि व अन्य मेहमानों ने शहीद सिपाही मेहर सिंह की तस्वीर समक्ष ज्योती प्रज्जवलित व पुष्पांजलि अर्पित कर समारोह का आगाज किया। उपरांत विधायक ने कहा कि शहीद सिपाही मेहर सिंह की अमूल्य शहादत क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है, जिन्होंने 50 वर्ष पाक सेना से लोहा लेते हुए अपने अदम्य साहस व शूरवीरता का परिचय देकर शहादत का जाम पीते हुए देशभक्ति की जो मशाल जलाई। इस अवसर पर विधायक ने छात्रों को स्पो‌र्ट्स किट भी भेंट की। तथा शहीद के परिजनों सहित 13 अन्य शहीद परिवारों को शाल भेंट कर सम्मानित किया।

लेक्चरर अमरजीत कुमार ने आये मेहमानों का धन्यवाद किया वहीं छात्रों द्वारा देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम की प्रस्तुति पर हर आंख नम हो उठी। जिससे प्रभावित होकर विधायक जोगिदर पाल ने 10 हजार, डीईओ ठाकुर जसवंत सिंह व नगर पंचायत अध्यक्षा दीक्षा ठाकुर ने 51-51 सौ रुपये की राशि भेंट कर छात्रों का मनोबल बढाया। इस मौके पर अमरीक सिंह, पार्षद उमेश ठाकुर, अमनदीप, रेखा देवी, रानी देवी, यशपाल व कैप्टन बोधराज , दीपू ठाकुर, कैप्टन मनोहर लाल,मास्टर भुपिदर सिंह, मनोहर लाल, संगीता, रीना अत्रि, कृष्णा, राजन सिंह, हरदीप जसरोटिया, अरविद सलारिया, नायब सूबेदार अजीत पाल, हंस राज, राजेश कुमार, चन्द्रेश्वर सिंह आदि उपस्थित थे। पिता की शहादत पर गर्व है

इस अवसर पर शहीद के बेटे प्रवीण सिंह ने नम आंखों से कहा कि जब उनका जन्म हुआ उनके पिता पाक के साथ युद्ध लड़ रहे थे, घर से खत गया कि उनके बेटा पैदा हुआ है तो पिता ने खत का जवाब देते हुए लिखा कि मैं जंग में हूं इस लिये मेरे बेटे का निक नाम जंगी रखा जाए। प्रवीण ने बताया कि जब पिता शहीद हुए तो वह मात्र 10 दिनों का था। आज उन्हें पिता को खोने का दुख तो बहुत है मगर उनकी शहादत पर गर्व भी है।

सिपाही मेहर सिंह ने राष्ट्रपति भवन तक पहुंचाया गांव का नाम

परिषद के महासचिव कुंवर रविदर विक्की ने कहा कि बहादुरी, त्याग व बलिदान का दूसरा नाम है देश का वीर सैनिक जिसके लिये परिवार से पहले राष्ट्र सर्वोपरि होता है। जिसकी सुरक्षा में वो अपने प्राणों की आहुति देकर अपना सैन्य धर्म निभा जाता है। उन्होंने कहा कि सिपाही मेहर सिंह ने अपना बलिदान देकर राष्ट्रपति से मरणोपरांत वीर चक्र प्राप्त कर इस सीमावर्ती गांव का नाम राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा दिया जोकि क्षेत्र के लिए गर्व की बात है। दुख की बात है इस वीर योद्धा की शहादत के 50 वर्षों बाद अब जाकर इस स्कूल का नामकरण इस शहीद के नाम पर हुआ है तथा अब इस स्कूल का रुतबा मन्दिर के सम्मान हो गया है।


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