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बधानी सीएचसी में दो बजे के बाद नहीं मिलती दवाई

डाक्टर द्वारा उनको दवाइयों की पर्ची थमाते हुए बाहर से दवाइयां लाने के यह कहकर भेज दिया गया। डाक्टर का कहना था कि दो बजे के बाद अस्पताल की ओपीडी बंद हो जाती है तथा दो बजे के बाद बधानी अस्पताल में आने वाले मरीजों को दवाइयां बाहर से ही लाना पड़ती है जिससे उन्हें समस्या आई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 10:15 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 10:15 PM (IST)
बधानी सीएचसी में दो बजे के बाद नहीं मिलती दवाई
बधानी सीएचसी में दो बजे के बाद नहीं मिलती दवाई

संवाद सहयोगी, मामून: सीएचसी बधानी में गांव भरमोता के मोटरसाइकिल सवार घायल युवक अशोक कुमार को असुविधा का सामना करना पड़ा। उनके पिता कर्ण सिंह को दवाइयां बाहर से लाने के लिए कह दिया गया। कर्ण सिंह ने बताया कि उनका बेटा किसी काम से बधानी गया हुआ था। विपरीत दिशा से आ रहा एक स्कूटी सवार युवक से उनकी भिड़ंत हो गई, जिसमें तीनों युवक घायल हो गए। उन्हें 108 एंबुलेंस की सहायता से बधानी ले जाया गया। जहां पर दो युवकों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें पठानकोट रेफर कर दिया गया तथा अशोक कुमार को बधानी अस्पताल में रख लिया गया। इस दौरान डाक्टर द्वारा उनको दवाइयों की पर्ची थमाते हुए बाहर से दवाइयां लाने के यह कहकर भेज दिया गया। डाक्टर का कहना था कि दो बजे के बाद अस्पताल की ओपीडी बंद हो जाती है तथा दो बजे के बाद बधानी अस्पताल में आने वाले मरीजों को दवाइयां बाहर से ही लाना पड़ती है, जिससे उन्हें समस्या आई है।

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