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देश की बहुमूल्य विरासत है शहीद सिपाही मोहन सिंह जैसे जांबाजों की शहादत : वासुदेवा

मुख्य अतिथि अनिल वासुदेवा ने कहा कि शहीद सिपाही मोहन सिंह चिब जैसे जांबाजों की शहादत राष्ट्र की बहुमूल्य विरासत है तथा जो राष्ट्र अपने शहीदों के बलिदान को भूल जाते हैं उनका अस्तित्व मिट जाता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 05:22 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 05:22 PM (IST)
देश की बहुमूल्य विरासत है शहीद सिपाही मोहन सिंह जैसे जांबाजों की शहादत : वासुदेवा
देश की बहुमूल्य विरासत है शहीद सिपाही मोहन सिंह जैसे जांबाजों की शहादत : वासुदेवा

जागरण संवाददाता, पठानकोट: आठ दिसंबर 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहादत का जाम पीने वाले सेना की फ‌र्स्ट डोगरा यूनिट के सिपाही मोहन सिंह चिब सेना मैडल का 50वां श्रद्धांजलि समारोह मनाया गया। शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष कर्नल सागर सिंह सलारिया की अध्यक्षता में मोहल्ला आनंदपुर टंकी के पास शहीद की याद में बने पार्क में समारोह का आयोजन किया गया। पूर्व मेयर अनिल वासुदेवा बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद के छोटे भाई ठाकुर जीवन सिंह चिब, परिषद के महासचिव कुंवर रविदर सिंह विक्की, प्रैस सचिव बिट्टा काटल, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, पारस कश्यप, वरिदर सहदेव आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

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सर्वप्रथम मुख्य मेहमान व अन्य मेहमानों ने शहीद की प्रतिमा समक्ष ज्योति प्रज्जवलित कर व प्रतिमा को हार पहना कर समारोह का आगाज किया। मुख्य अतिथि अनिल वासुदेवा ने कहा कि शहीद सिपाही मोहन सिंह चिब जैसे जांबाजों की शहादत राष्ट्र की बहुमूल्य विरासत है तथा जो राष्ट्र अपने शहीदों के बलिदान को भूल जाते हैं, उनका अस्तित्व मिट जाता है। उन्होंने कहा कि शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद जिस जुनून के साथ शहीदों व उनके परिजनों के मान-सम्मान की बहाली हेतु जगह-जगह इस तरह के समारोह आयोजित कर समाज में देशभक्ति की जो चेतना व अलख जगा रही है। उनके इस जज्बे को मैं दिल से सेल्यूट करता हूं।

इस मौके पर मुख्यातिथि द्वारा शहीद के परिजनों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सचिन ठाकुर, अक्षय ठाकुर, सुनील ठाकुर,कनिका राजपूत, पूनम सहदेव, रामा खुशदिल, अजय सल्होत्रा, गुलशन कुमार, सुरिदर सलवान, सुरिदर छिदा आदि उपस्थित थे। नाम, नमक व निशान के लिये लड़ता है देश का सैनिक : कर्नल सलारिया

कर्नल सागर सिंह सलारिया ने कहा कि देश का वीर सैनिक मात्र रोटी कमाने का सपना लेकर फौज में भर्ती नहीं होता बल्कि पारिवारिक संस्कार व देशभक्ति का जज्बा उसे इस काम के लिये प्रेरित करता है और वह नाम, नमक व निशान के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देकर अपना सैन्य धर्म निभा कर समाज को यह संदेश दे जाता है कि एक सैनिक के लिये परिवार नहीं राष्ट्र सर्वोपरि होता है। मोहन सिंह जैसे अमर बलिदानियों का देश सदैव रहेगा कर्जदार: कुंवर विक्की

परिषद के महासचिव कुंवर रविदर सिंह विक्की ने कहा कि शहीद सिपाही मोहन सिंह चिब जिले के पहले ऐसे वीर सैनिक हैं जिन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में 22 वर्ष की अल्पायु में सबसे पहले अपना बलिदान देकर जिले का नाम रोशन किया, ऐसे अमर बलिदानियों का देश सदैव कर्जदार रहेगा।


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