जिले में स्थापित होगा गोस्वामी श्री गुरु नाभा दास आचार्य पीठ : डा. पुरुषोत्तम भजूरा
समिति के चीफ आर्गेनाइजर डा. पुरुषोत्तम भजूरा ने बताया कि समिति सदस्यों द्वारा उपस्थित संतों के समक्ष गोस्वामी श्री गुरु नाभादास महाराज से संबंधित पंजाब में पीठ स्थापित करने हेतु जमीन न होने की बात कही तो संत सम्मेलन में उपस्थित मुख्य मेहमान श्री श्री 100
जागरण संवाददाता, पठानकोट: गोस्वामी श्री गुरु नाभा दास महाशा सेवा समिति की तरफ से गांव मुट्ठी में अध्यक्ष श्याम लाल और समिति चीफ आर्गेनाइजर डा. पुरुषोत्तम भजूरा की अध्यक्षता में संत सम्मेलन आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में श्री श्री 1008 महंत बंसी दास जी महाराज, महंत सांवरिया दास, महंत श्री मुरली दास, संत योगा दास, संत ओमकार दास विशेष रूप से उपस्थित हुए। हलका विधायक जोगिदर पाल भी संत सम्मेलन में संतों का आशीर्वाद लेने के लिए विशेष तौर पर पहुंचे।
समिति के चीफ आर्गेनाइजर डा. पुरुषोत्तम भजूरा ने बताया कि समिति सदस्यों द्वारा उपस्थित संतों के समक्ष गोस्वामी श्री गुरु नाभादास महाराज से संबंधित पंजाब में पीठ स्थापित करने हेतु जमीन न होने की बात कही, तो संत सम्मेलन में उपस्थित मुख्य मेहमान श्री श्री 1008 श्री महंत बंसी दास जी महाराज ने अपने आश्रम से दो एकड़ जमीन गोस्वामी श्री गुरु नाभा दास आचार्य पीठ के लिए देने की घोषणा की। विधायक जोगिदर पाल ने उपस्थित महंतों तथा समिति सदस्यों को भरोसा दिलवाया कि वह मुख्यमंत्री पंजाब से बात करके पीठ स्थापना के लिए पंजाब सरकार द्वारा मदद उपलब्ध करवाएंगे। इस संत सम्मेलन में सुबह हवन यज्ञ, सत्संग, श्रीमद् भगत माल ग्रंथ का पाठ किया गया। श्री श्री 1008 महंत बंसी दास जी ने गोस्वामी श्री गुरु नाभा दास जी के जीवन के बारे में उपस्थित जनसमूह को विस्तार से जानकारी दी। महंत मुरली दास जी ने श्रीमद् भगत माल ग्रंथ की महिमा से उपस्थित जनसमूह को अवगत करवाया। महंत सांवरिया दास जी ने संत सम्मेलन में पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर से आई हुई संगतों को आशीर्वाद प्रदान किया। अंत में गुरु जी की कृपा से लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।
इस मौके पर अध्यक्ष श्यामलाल, बूटा राम, प्रकाश, सरपंच विकी, सरपंच रमेश, सुमित, तारा, अमरनाथ, तिलक लोतरा, अध्यक्ष ताराचंद, दर्शन लाल, जानू मास्टर सुदर्शन, टेकराम, हेमराज, बिदु, मास्टर मनोहर जगदीश बिल्ला, विजय, रमेश, मुल्ख राज, बिल्लू, लालचंद कटारुचक्क, सोहनलाल, श्याम, रामदास, अमर, बीना देवी, कंसो देवी, अलका, श्रेष्ठा देवी, रजनी, कमलेश शीला, निर्मला, रेखा शिदी, राकेश, शिदो, मदानी, मास्टर जनक राज इत्यादि समूह संगत में उपस्थित थे।