कोरोना सैंपलिग के चार दिन बाद मिल रही रिपोर्ट
जिले में लगातार बढ़ रही संक्रमण की रफ्तार के कारण स्थिति बिगड़ती जा रही है। मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण सेहत विभाग के लिए परेशानियां पैदा हो रही हैं।
जागरण संवाददाता, पठानकोट : जिले में लगातार बढ़ रही संक्रमण की रफ्तार के कारण स्थिति बिगड़ती जा रही है। मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण सेहत विभाग के लिए परेशानियां पैदा हो रही हैं। पहले पहले सैंपलिग करवाने के तीन दिनों में रिपोर्ट मिल जाती थी, वहीं अब रोजाना चार से पांच लोगों को अपनी रिपोर्ट प्राप्त करने में चार दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। प्राइवेट लैबों सहित कोरोना की सैंपलिग का काम सिविल अस्पताल में भी बढ़ गया है। इसी कारण सिविल अस्पताल प्रबंधन को रिपोर्ट देने में देरी हो रही है।
अब लोग भी काफी संख्या में कोरोना की जांच करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। विभाग द्वारा जिला में रोजाना लगभग 550 लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। कर्मचारियों पर वर्क लोड भी बढ़ गया है, वहीं विभाग के पास स्टाफ की भी कमी चल रही है, जिस कारण होम आइसोलेट मरीजों की देख रेख भी प्रभावित हो रही है। जिले में आक्सीजन सप्लाई का जिम्मा भी अब अधिकारियों ने अपने कंधों पर लिया हुआ है, जिसकी स्थिति जिले में अभी सामान्य है। अमृतसर एयरपोर्ट पर 10 दिन पहले कराया था टेस्ट, अब तक नहीं आई रिपोर्ट
दुबई से आए परिवार ने अमृतसर एयरपोर्ट पर दस दिन पहले कोविड टेस्ट करवाया था। इसके बाद भी उसकी रिपोर्ट नहीं आई। आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि 15 अप्रैल को वह अपनी पत्नी मंजू त्रिपाठी सहित दो बच्चों के साथ दुबई से अमृतसर पहुंचे थे। वहां एक लैब की ओर से एयरपोर्ट पर ही कैंप लगाकर उनका और उनके परिवार जनों का कोविड टेस्ट किया गया। साथ ही कहा गया कि इस आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट उनके वाट्सएप पर भेज दी जाएगी। 10 दिन बाद भी अभी तक उन्हें इसकी रिपोर्ट नहीं दी गई, जिस कारण उन्हें मजबूरन होम क्वारंटाइन होना पड़ रहा है। बार-बार उनकी ओर से उक्त लैब के दिए गए नंबर पर फोन किए जा रहे हैं, परंतु हर बार अटेंडेंट की ओर से जो तो उनका फोन काट दिया जाता है अथवा जल्द रिपोर्ट भेजने के नाम पर इतश्रि कर दी जाती है। अमृतसर में लैब में सैंपलिंग का बोझ बढ़ा
सीएमओ डाक्टर हरविद्र सिंह का कहना है कि अमृतसर लैब में सैंपलिग का बोझ बढ़ने के कारण कुछेक मामलों में ऐसी स्थिति हो रही है, लेकिन बावजूद इसके ज्यादातर लोगों को तीसरे दिन में ही रिपोर्ट मिल जाती है।