बांगर इलाके के लिए वरदान और सेम प्रभावित क्षेत्र के लिए समस्या बनी बरसात
मौसम के मिजाज बदलने ने किसानों की चिताओं की लकीरों को और गहरा कर दिया है। इससे सेम प्रभावित गांव की फसलें पानी में डूबने का अंदेशा पाया जा रहा है। घरोटा के बांगर इलाके के लिए यह बरसात वरदान साबित हुई हैं।
संवाद सहयोगी, घरोटा : मौसम के मिजाज बदलने ने किसानों की चिताओं की लकीरों को और गहरा कर दिया है। इससे सेम प्रभावित गांव की फसलें पानी में डूबने का अंदेशा पाया जा रहा है। घरोटा के बांगर इलाके के लिए यह बरसात वरदान साबित हुई हैं।
किसान रजिदर सिंह राणा, तिलक राज सैनी, सतनाम सिंह, जसविदर सिंह, रविदर सिंह सोनू, मास्टर देव राज, मास्टर रजिदर, अश्वनी सरपंच, गौतम छवाला, विनोद पठानिया ने कहा कि पिछले कुछ दिन से हुई भारी बरसात से कई जगह किसानों की फसलें पानी में डूब गई है। वहीं कई क्षेत्रों में अभी भी फसलों में हुई बरसात का पानी खड़ा था। इससे किसानों को अपनी फसल खराब होने का डर सताने लगता है । गांव गुजरात, भीमपुर, खनी खुई, बगियाल, बस्सी, चश्मा, जकरोर, जनडी, चौंता, मीरपुर, बियानपुर बेहरी, कानवा, नजोवाल, कुंडे फिरोजपुर, झरौली के गांव में फसल पानी में डूब चुकी है। पानी का निकास न होना, सेम नालो की सफाई न होना, नजायज कब्जों के चलते समस्या ने विकराल रूप ले लिया है। अभी तक पहली हुई भारी बरसात के पानी खेतों से निकला नहीं था कि एक बार फिर हुई बरसात से खेत पानी से भर गए है। जिस से गेहूं की फसल खराब होने का खतरा पैदा हो गया है।
फसलों पर होगा असर
किसानों द्वारा अपने फसलें बचाने के लिए विभिन्न साधनों द्वारा खेती में से पानी निकालने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सर्दी की भारी बरसात के साथ जहां रवि की मुख्य फसल गेहूं की पैदावार पर असर होगा, वही सब्जियों के काश्तकारों को भी बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है। आलू और मटर की फसलें भी खराब होने के कारण सब्जियों के भाव बढ़ेंगे । दूसरी और यदि बात करे बांगर के घरोटा, चौहान, चौंता इत्यादि का काफी रकवा जो ऊंचा है, पानी सिचाई का कोई साधन नहीं उनके लिए हुई बरसात वरदान साबित हुई है।