भीमपुर से सरना लिक मार्ग की हालत दयनीय को लेकर क्षेत्रवासियों में रोष
बता दें दूसरे रास्तों से पठानकोट जाने के लिए काफी लंबा चक्कर इस इलाके के लोगों को लगाना पड़ता है जिससे पैसे और समय की बर्बादी होती है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग है कि इस बदहाल मार्ग का तुरंत निर्माण करवा के जनता को इस समस्या से निजात दिलवाई जाए।
जागरण टीम, पठानकोट/नरोट मेहरा : सरना को घरोटा को जोड़ने वाले लिक मार्ग की हालत दयनीय हो चुकी है। ड़क के बीचो-बीच पड़े गड्डे वाहन चालकों के लिए परेशानियों का कारण बन रहे हैं। थोड़ी सी बारिश होने पर गड्ढों तबदील हो चुकी सड़क तालाब का रुप धारण कर लेती है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि कई वर्षों से सड़क की रिपेयर नहीं हुई है। ऐसा भी नहीं है कि समस्या विभाग के ध्यान में न हो। सब कुछ जानते हुए भी विभागीय अधिकारी समय निकाल रहे हैं। ऐसा लगता है कि विभाग किसी घटना का इंतजार कर रहा है कि उसके बाद जाकर इसका समाधान किया जाए।
बता दें दूसरे रास्तों से पठानकोट जाने के लिए काफी लंबा चक्कर इस इलाके के लोगों को लगाना पड़ता है जिससे पैसे और समय की बर्बादी होती है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग है कि इस बदहाल मार्ग का तुरंत निर्माण करवा के जनता को इस समस्या से निजात दिलवाई जाए। क्षेत्रवासी राकेश कुमार मिटू, अभि, टीपू, एंचल शर्मा, विजय कुमार, कश्मीर सिंह, काला राज,शाम लाल रजनीश शर्मा, बलजीत राय, हरदेव सिंह, आदि ने बताया कि मार्ग पर जगह जगह बहुत बड़े बड़े गड्ढे बने हुए हैं, जिससे यह मार्ग खेतों को जाने वाले उबड़ खाबड़ कच्चे रास्ते का एहसास करवाता है। उन्होंने कहा कि पिछले काफी समय से वह इस मार्ग कि बदहाली का हाल संबंधित विभाग और जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी ने भी इसका कोई संज्ञान लेकर लोगों को राहत दिलाने की कोशिश नहीं की है। दूसरी तरफ काफी घना और सड़क की स्तर से नीचा खाईनुमा जंगलात है, जगह-जगह गढ्डे होने के कारण वाहन चालक अपना संतुलन बनाए रखने में असमर्थ हो जाते है और हादसों का शिकार बन जाते है। यह मार्ग नहर के किनारे भीमपुर से शुरू हो कर सरना तक जाता है। इस मार्ग का प्रयोग भीमपुर से लेकर सरना तक नहर के साथ और आसपास के दर्जनों गांवों के लोग मलिकपुर मिनी सचिवालय, कोर्ट कॉम्पलेक्स, पठानकोट जिला अस्पताल, रोजगार, व्यापार और दूसरे बहुत सारे कार्यों के लिए पठानकोट में जाने के लिए करते है। यह रास्ता छोटा और आसान होने के कारण यहां के निवासियों के समय और पैसे की बचत होती है।