यात्रियों को निजी बसों में करना पड़ा सफर क्योंकि दोपहर एक बजे काम पर लौटे पनबस कर्मी
बता दें कि रेगुलर करने की मांग को लेकर पठानकोट सहित प्रदेश भर में पनबस कर्मी नौ दिनों से हड़ताल पर थे मंगलवार देर शाम विभागीय अधिकारियों व पनबस सेंटर बाडी के पदाधिकारियों के साथ हुई मीटिग में 30 फीसद वृद्धि की मांग मान लेने के बाद हड़ताल समाप्त हो गई।
जागरण संवाददाता, पठानकोट: वेतन में तीस फीसद बढ़ोतरी की घोषणा के बाद भले ही प्रदेश में पनबस कर्मियों की हड़ताल समाप्त हो गई, लेकिन पठानकोट में पनबस कर्मचारी बुधवार दोपहर एक बजे काम पर लौटे। कर्मचारी मांग पर अड़े हुए थे कि उनके डिपो प्रबंधन द्वारा जिन 13 कर्मचारियों को सस्पेंड किया था उन्हें भी बहाल किया जाए। कर्मचारियों द्वारा हड़ताल न खोले जाने के कारण महिला यात्रियों सहित पास होल्डरों को प्राइवेट बसों में पूरा किराया खर्च करना पड़ा। बात यूनियन की सेंटर बाडी तक पहुंची तो जवाब मिला कि यह डिपो लेवल का मामला, जिसे प्रबंधन के साथ बैठकर हल करें। फिलहाल, सभी कर्मचारी ड्यूटी ज्वाइन करें ताकि लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। इस दौरान पनबस कर्मचारियों ने मांगों को लेकर पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
बता दें कि रेगुलर करने की मांग को लेकर पठानकोट सहित प्रदेश भर में पनबस कर्मी नौ दिनों से हड़ताल पर थे, मंगलवार देर शाम विभागीय अधिकारियों व पनबस सेंटर बाडी के पदाधिकारियों के साथ हुई मीटिग में 30 फीसद वृद्धि की मांग मान लेने के बाद हड़ताल समाप्त हो गई।
मंगलवार की देर शाम हड़ताल खत्म होने की बात का पता चलने के बाद सुबह महिला व पास होल्डर सरकारी बस सुविधा का लाभ लेने के लिए बस स्टैंड पर तो पहुंचे परंतु बसें न चलने के कारण परेशान हो गए। सीनियर सिटीजन वेद प्रकाश, दर्शन कुमार, महिला यात्री मधु बाला व पास होल्डर हरविद्र कुमार ने बताया कि वह पिछले एक घंटे से रोडवेज की बस का इंतजार कर रहे हैं परंतु अभी तक एक भी बस नहीं चली। वह गंत्वय तक पहुंचने में लेट हो रहे लिहाजा, उन्हें अब प्राइवेट बसों में ही पूरा किराया खर्च करना पड़ेगा। यात्रियों ने कहा कि जब हड़ताल समाप्त हो चुकी है लेकिन फिर भी पठानकोट में सुबह 11 बजे तक एक भी बस नहीं चली है। हड़ताल खत्म नहीं हुई है : राज कुमार
पंजाब रोडवेज पनबस वर्कर यूनियन सेंटर बाडी सदस्य राज कुमार, शाखा प्रधान सुखविद्र सिंह, जोगिद्र पाल लवली, महासचिव कमल ज्योति, मुकेश तरनाच व रूप लाल आदि ने बताया कि सरकार ने 30 फीसद वृद्धि की बात कही है जो नई नहीं है। कहा कि हर साल मार्च और सितंबर में दो बार कर्मचारियों का वेतन बढ़ता है। लिहाजा, सरकार ने अपना समय निकालने के लिए उन्हें लालीपाप दिया है जो उन्हें स्वीकार नहीं है। कहा कि सरकार को 29 तक का समय दिया है। अगर सरकार ने नोटिफिकेशन जारी न किया तो वह दोबारा हड़ताल पर जाएंगे और जब रेगुलर करने का नोटिफिकेशन जारी होगा तभी खत्म करेंगे।