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कथलौर सेंक्चुरी को टूरिस्ट के लिए खोलने की तैयारी

भारत-पाक सीमा पर स्थित कथलौर सेंक्चुरी को टूरिस्टों के लिए खोलने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 07:00 AM (IST)
कथलौर सेंक्चुरी को टूरिस्ट के लिए खोलने की तैयारी
कथलौर सेंक्चुरी को टूरिस्ट के लिए खोलने की तैयारी

राज चौधरी, पठानकोट : भारत-पाक सीमा पर स्थित कथलौर सेंक्चुरी को टूरिस्टों के लिए खोलने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। 1837 हेक्टेयर भूमि पर फैली इस सेंक्चुरी में एक करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें देश-विदेश की तर्ज पर पर्यटकों को लुभाने के लिए शानदार रंगरूप दिया जाएगा। प्रशासनिक स्तर पर इस पर काम शुरू कर दिया गया है, जिसके आगामी छह माह में पूरा होने की प्रबल संभावना है। वहीं इससे जिलेभर के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी।

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वन्य संपदा प्रभावित न हो, इसके लिए बनाई गई ठोस योजना

यह पहली बार है जब किसी सेंक्चुरी को टूरिस्टों के लिए खोलने की तैयारी की गई है। इससे पहले ऐसी किसी योजना के न बनने के पीछे सबसे बड़ा कारण वन्य जीव संपदा को डिस्टर्व न करना था। जिले में भी बनी इस योजना को बेहद प्रभावशाली ढंग से सिरे चढ़ाया जाएगा। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर वन्य जीव विभाग ने नियंत्रित टूरिज्म के लिए एसओपी स्टैं‌र्ड्ड ओपरेटिग सिस्टम) तैयार किया गया है। इस सिस्टम के आधार पर एक नियंत्रित संख्या में ही टूरिस्ट सेंक्चुरी के भीतर जा सकेंगे। इसके साथ ही वन्य जीव संपदा टूरिस्टों के आवागमन के कारण प्रभावित न हों, इसके लिए खास तौर पर ध्यान रखा जाएगा।

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टूरिस्टों के घूमने के लिए 10 बैट्री के साथ चलने वाले खरीदे जाएंगे

कथलौर सेंक्चुरी में टूरिस्टों के लिए 10 बैट्री से चलने वाले साइकिल भी खरीदे जाएंगे। यात्री इन साइकिलों के माध्यम से वन्य संपदा का लुत्फ उठा सकेंगे। इसके साथ ही एक छोटी गाड़ी भी होगी, जोकि बिना आवाज किए चलाई जाएगी। आवागमन करने वालों के लिए एक कैफटेरिया, पांच किलोमीटर की परिधि में नेचर ट्रेल, शौचालय व अन्य सुविधाएं भी रहेगी।

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राशिफल के हिसाब लगा सकेंगे पेड़

योजना के अनुसार सेंक्चुरी में एक बड़े हिस्से में स्मृति वन तैयार किया जाएगा, जिसमें 12 तरह की राशियों के 12 तरह के पेड़ लगाने की भी योजना रखी गई है। स्मृति वन में आने वाले समस्त टूरिस्टों को उनके राशिफल के हिसाब से वन लगाने की अनुमति रहेगी। इसके साथ ही वे अपनी शादी की सालगिरह व जन्म दिन भी इस वन में पेड़ लगा सकेंगे। इसके साथ ही रैन शेल्टर, एक हजार से अधिक परिधि में वाटर वाडी, झील बनाई जाएगी, जिसमें हंस व बत्तखें सुबह-शाम उठखेलियां करेंगे।

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छह माह में तैयार हो जाएगा सारा प्रोजेक्ट : राजेश महाजन

डीएफओ वन्य जीव राजेश महाजन ने कहा कि इस सारे प्रोजेक्ट को जिलाधीश संयम अग्रवाल के दिशा निर्देशों पर तैयार किये जाने की रूपरेखा तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि बेहद खूबसूरत इस सारे प्रोजेक्ट को आगामी छह माह में तैयार कर लिया जाएगा। इसके बाद नियंत्रित टूरिज्म पालिसी को तैयार कर इस नेचरल सेंक्चुरी में जाने की यात्रियों को अनुमति दी जाएगी। ये प्रोजेक्ट पठानकोट में टूरिस्ट को बढ़ाने के लिए बेहद लाभप्रद साबित होगा।


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