गांधी-आंबेडकर समझौते की सालगिरह का आयोजन
बाबा साहिब डॉक्टर भीम राव आंबेडकर मिशन की संयुक्त कमेटी की शिमला पहाड़ी पर बैठक हुई।
जागरण संवाददाता, पठानकोट : बाबा साहिब डॉक्टर भीम राव आंबेडकर मिशन की संयुक्त कमेटी की शिमला पहाड़ी पर बैठक हुई। ठेकेदार बिशन दास के नेतृत्व में आयोजित मीटिग में सदस्यों ने कोविड 19 को ध्यान में रखते हुए मुख्य पदाधिकारियों ने हाजिरी दर्ज करवाई। कार्यक्रम के दौरान पूना पैक्ट 1932 गांधी-आंबेडकर समझौते की 88वीं सालगिरह का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि पूना-पैक्ट बिना खून खराबे के एक इंकलाब थी। यह समझौता महात्मा गांधी व बाबा साहिब डॉक्टर भीम राव आंबेडकर के बीच 24 सितंबर 1932 को पूने की यरदवा जेल में हुआ। इस समझौते में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जाति को कम्युनल अवॉर्ड के जरिये मिली दोहरी प्रतिनिधिता के अधिकार को छोड़ना पड़ा था। इसके बदले सरकारी सेवाएं तथा राजनीतिक क्षेत्र में रिजर्वेशन का अधिकार प्राप्त हुआ। वर्ष 1935 में इस समझौते को भारत सरकार के एक्ट 1935 में कानूनी रूप दिया गया। इसके बाद संयुक्त कमेटी की ओर से अपनी अन्य मांगों को लेकर डीसी संयम अग्रवाल को मांगपत्र सौंपा गया। इस मौके पर तरसेम लाल लमीनी, मनोहर लाल, वीरेंद्र पाल सिंह, शिवदयाल, मनोहर लाल भोआ, जोगिद्र पाल, ओंकार सरना, मदन लाल, सरपंच जगरनाथ, तरसेम लाल, बूटा राम, दयाल राम भगत, कैप्टन हंस राज, प्रिसिपल गुरदीप चंद, शाम लाल, बलदेव राज, देव राज व बिशंबर दास आदि मौजूद थे।
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क्या है मांगे
- राज्य सरकार की तरफ से 2016 में हरेक जिला हेडक्वार्टर में अंबेडकर भवन के निर्माण किया जाए।
बाबा साहिब की प्रतिमा स्थापित करने की मंजूरी देकर फंड जारी किए गए हैं। जिला में बाबा साहिब की प्रतिमा तो लगा दी लेकिन, भवन का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है जिसे जल्द से जल्द पूरा किया जा।
- जिला भर में ग्रामीण, शहरी बस्तियां, स्कूल व संस्थाएं जिनके नाम के साथ हरिजन शब्द का इस्तेमाल किया गया है को जमीन स्तर पर संबंधित विभागों के रिकार्ड से हटाकर लोकमत अनुसार आंबेडकर/ आदर्श या और सही नामकरण के आदेश जारी किया जाए।
- इंडो पाक की सहरद सब तहसील नरोट जैमल सिंह तथा सब तहसील बमियाल को सब तहसील नरोट जैमल सिंह बनाकर सीमातर्वी क्षेत्र की जनता को राहत दी जाए।