यात्रीगण कृप्या ध्यान दें.. एक जुलाई से पठानकोट कैंट स्टेशन पर नहीं रुकेगी राजधानी!
यात्रीगण कृप्या ध्यान दें.. जम्मूतवी से चलकर पठानकोट के रास्ते दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस का 1 जुलाई से पठानकोट कैंट स्टेशन पर नहीं रुकेगी।
विनोद कुमार, पठानकोट : यात्रीगण कृप्या ध्यान दें.. जम्मूतवी से चलकर पठानकोट के रास्ते दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस का 1 जुलाई से पठानकोट कैंट स्टेशन पर नहीं रुकेगी। जिन यात्रियों ने दिल्ली जाना है वे कृपा कर लुधियाना अथवा जम्मूतवी चले जाएं। यह हम नहीं कह रहे बल्कि रेलवे का सिस्टम सारी स्थिति ब्यां कर रहा है। लॉकडाउन के चलते जम्मूतवी से देश के विभिन्न राज्यों को जाने वाली सभी ट्रेनें बीती 22 मार्च से बंद पड़ी हैं। लॉकडाउन में फंसे यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने अप्रैल महीने में जम्मूतवी से दिल्ली के बीच एक राजधानी एसी स्पेशल (02425/02426) शुरू की थी। ट्रेन रोजाना सुबह 3:38 बजे दिल्ली से पठानकोट कैंट पहुंच रही है जबकि, जम्मूतवी से वापसी पर उसी रात 9:30 बजे पहुंचने के बाद अगले दिन सुबह 4 बजे दिल्ली पहुंचती थी। ऐसा भी नहीं था कि ट्रेन को सवारियां नहीं मिल रही थी। औसतन रोजाना पठानकोट से 200 से अधिक यात्री अप-डाउन कर रहे हैं। लेकिन, उसके बावजूद भी रेलवे के सिस्टम में इसकी 1 जुलाई से पठानकोट की बुकिग नहीं की जा रही।
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प्रतिदिन 200 से ज्यादा यात्री कर रहे थे सफर
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन में फंसे यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्रालय ने अप्रैल महीने में जम्मूतवी से दिल्ली के बीच चलने वाली राजधानी सुपरफास्ट को शुरू किया था। पहले करीब दो हफ्ते ट्रेन जम्मूतवी से सीधे लुधियाना रुक रही थी। लेकिन, यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए रेलवे ने इसका मई महीने पठानकोट कैंट स्टेशन पर ठहराव बना दिया। पठानकोट से रोजाना 100 से अधिक यात्री दिल्ली तथा अन्य स्टेशनों की और सफर कर रहे थे। अब 1 जुलाई से ट्रेन दोबारा जम्मूतवी के बाद सीधे लुधियाना स्टेशन पर रुकेगी।
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दिल्ली से एकमात्र लिक तोड़ने के फैसले पर रोष
रेलवे की ओर से राजधानी का पठानकोट कैंट स्टेशन पर ठहराव बंद किए जाने के फैसले पर क्षेत्रवासियों ने एतराज जताया है। कारोबारी मनमहेश शर्मा, अश्वनी सैनी व समाज सेवक प्रबोध चंद्र का कहना है कि पठानकोट से अंबाला व दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए यह रेल काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो रही थी लेकिन, एक दम से ट्रेन के ठहराव को बंद करने का फैसला उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि पठानकोट तीन राज्यों का संगम स्थल है ओर रेलवे के नक्शे में इसकी काफी ज्यादा अहमियत है। ट्रेन का कैंट स्टेश्न पर ठहराव होने से यहां लाकडाउन की स्थिति में दिल्ली जाने व आने वालों को राहत मिल रही थी, वहीं विभाग के खाते में भी रैवेन्यू आ रहा था।
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स्टेशन का नाम डिलीट होने से नहीं हो रही बुकिंग
पठानकोट रेलवे के अधिकारी ने बताया कि 1 जुलाई से ट्रेन की पठानकोट कैंट से न तो जाने और न ही आने की बुकिग हो रही है। हालांकि, रोजाना दस-पंद्रह लोग उनके पास ट्रेन की बुकिग करवाने के लिए पहुंच रहे हैं परंतु सिस्टम में स्टेशन का नाम डिलीट होने के कारण वह चाहते हुए भी उनकी बुकिग नहीं कर सकते।