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सिविल में फिजियोथेरेपी यूनिट बंद, लोग परेशान

सिविल अस्पताल पठानकोट फिजियोथेरेपी यूनिट बंद होने से लोगों को बारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 05:02 PM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 05:02 PM (IST)
सिविल में फिजियोथेरेपी यूनिट बंद, लोग परेशान
सिविल में फिजियोथेरेपी यूनिट बंद, लोग परेशान

संवाद सहयोगी, पठानकोट : सिविल अस्पताल पठानकोट फिजियोथेरेपी यूनिट बंद होने से लोगों को बारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को इन दिनों प्राइवेट सेंटरों से फिजियोथेरेपी करवानी पड़ रही है। ऐसे में उन्हें प्राइवेट सेंटरों वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ती है। क्योंकि अस्पताल में सरकारी दाम के हिसाब से व्यक्ति की फिजियोथेरेपी की जाती है। जबकि प्राइवेट वाले चार से पांच गुणा पैसा एक सिटिग का वसूल करते हैं। गरीब आदमी के लिए यह दाम चुकाना मुश्किल हो पाता है। अस्पताल प्रबंधन वैसे तो आए दिन लोगों को मूलभूत सुविधा प्रदान करवाने के दावे करता है। लेकिन फिजियोथेरेपी यूनिट तरफ कोई ध्यान न देते हुए किसी दूसरे स्टाफ का भी प्रबंध नहीं किया गया। सेहत विभाग द्वारा कुछ दिन पहले इस यूनिट में आधुनिक सुविधा से लैस पांच मशीनें भेजी गई हैं। ताकि लोगों को प्राइवेट सेंटरों के चक्कर न काटने पड़े। उल्लेखनीय है कि रोजाना 20 से अधिक मरीज फिजियोथेरेपी के लिए सिविल अस्पताल आते हैं। तीन दिन की छुट्टी का लगाया चार्ट, 24 दिन बाद भी बंद है दरवाजा

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अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही एक ओर यह देखने को मिली है कि जिस स्टाफ सदस्य की फिजियोथेरेपी यूनिट में ड्यूटी लगाई गई है। उसकी ओर से तीन दिन की छुट्टी लेने के बाद प्रबंधन द्वारा 18 मार्च से 21 मार्च तक आन लीव का दरवाजे पर चार्ट लगाया गया है। लेकिन अब 24 दिन बीत चुके हैं और दरवाजे के बाहर अभी भी तीन दिन की आन लीव का चार्ट लगा हुआ है और ताला जड़ा हुआ है।

सरकारी 40 रुपये, प्राइवेट एक सिटिग का 200

सरकारी दाम फिजियोथेरेपी के 40 रुपए पर्ची रखी गई है। जबकि प्राइवेट फिजियोथेरेपी सेंटर वाले एक सिटिग का 150 से दो सौ रुपये तक वसूल कर लेते है। कुछ लोग तो अढ़ाई सौ रुपये तक भी चार्ज करते है। जो लोगों को मजबूरी में चुकाने ही पड़ते हैं। इन चोटों की होती फिजियोथैरेपी

अगर, किसी को घुटने में चोट आती है या फिर बाजू में चोट, सरवाईकल, टांग में दर्द सहित कई प्राकर की चोटों की फिजियोथेरेपी होती है। यह लोगों को तीन से चार बार करवानी पड़ती है और तब जाकर कहीं उन्हें गंभीर चोटों से आराम मिलता है। कोरोना ड्यूटी में लगी है कर्मचारी की ड्यूटी : डा. सरपाल

एसएमओ डा. राकेश सरपाल ने कहा कि जो कर्मचारी फिजियोथेरेपी यूनिट में ड्यूटी निभाता है उसकी ड्यूटी कोरोना महामारी की चपेट में आने वाले मरीजों को पीपीई किट मुहैया करवाने में लगाई गई है। इसके अलावा एक महिला स्टाफ को अस्थाई ड्यूटी लगाई गई थी और उसे जरूरी काम पड़ने के कारण फिजियोथेरेपी यूनिट बंद रखा गया है। जल्द ही उक्त युवती अपनी दोबारा ड्यूटी ज्वाइन करेगी और लोगों को फिर से सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।


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