सिविल में फिजिकल डिस्टेंस की उड़ रही धज्जियां
सिविल अस्पताल में फिजिकल डिस्टेंस की धज्जियां मरीजों व अस्पताल प्रबंधन की तरफ से उड़ाई जा रही हैं
संस, पठानकोट : सिविल अस्पताल में फिजिकल डिस्टेंस की धज्जियां मरीजों व अस्पताल प्रबंधन की तरफ से उड़ाई जा रही हैं। यही लापरवाही रही तो वह दिन दूर नहीं जब जिले में बहुत जल्द कोरोना फेज-टू शुरू हो जाएगा। क्योंकि अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों की कई बार भीड़ ओपीडी स्लिप काउंटर के बाहर, आयुष्मान योजना काउंटर के बाहर, जनरल लैब में रिपोर्ट प्राप्त वाले काउंटर, लेबर रूम, मेल वार्ड, फीमेल वार्ड, आपरेशन थिएटर, इमरजेंसी सहित अस्पताल के अलग-अलग स्थानों पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है, लेकिन अस्पताल प्रशासन इस भीड़ की अनदेखी कर रहा है जो लोगों पर भारी पड़ सकता है।
खांसी, बुखार, गले में दर्द के मरीजों 80 प्रतिशत वृद्धि
बदलते मौसम को लेकर लोगों के गले में दर्द, खांसी, बुखार, जुकाम जैसी शिकायत होने लगी हैं। ऐसे में मरीजों की संख्या करीब 80 फीसद तक बढ़ गई है। रोजाना खांसी के मरीज 80, बुखार व जुकाम से ग्रस्त मरीज करीब 200, गले में दर्द से पीड़ित 60 के करीब और बाकी अलग-अलग बीमारियों से ग्रस्त मरीज उपचार के लिए अस्पताल पहुंच रहे है। इनमें आधे से ज्यादा कोरोना सैंपलिंग वाले होते हैं। रोज हो रही है 600 ओपीडी
मरीजों की बढ़ती तादात को देखते हुए अस्पताल की रोजाना की ओपीडी छह सौ के करीब पहुंच गई है। अस्पताल आने वाले मरीज ना तो शारीरिक दूरे का पालन कर रहे हैं और ना ही मास्क लगा रहे हैं। अस्पताल में ड्यूटी निभाने वाले पुलिस कर्मी भी सब कुछ देख कर भी चुप हैं।
लोग करते है थोड़ी देर पालन
एसएमओ डाक्टर भूपिद्र सिंह का कहना है कि अस्पताल में जो लोग आते हैं उनमें फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखने व मास्क लगाने के लिए बोला जाता है। लेकिन लोग थोड़े समय तक ही इसका पालन करते हैं, फिर हालात वैसे के वैसे ही बन जाते हैं। ऐसे में लोगों को इस महामारी के दौर में खुद एहतियात बरतनी चाहिए।