सीमावर्ती गांवों के लोगों कोे नहीं काटने पड़ेंगे पठानकोट के चक्कर, नरोट जयमल में ही होंगे टीबी के टेस्ट
सरकार व सेहत विभाग नरोट जैमल सिंह अस्पताल में टीबी टेस्ट आधुनिक मशीन स्थापित की है। इससे पहले अस्पताल में टीबी टेस्ट करवाने के लिए अत्याधुनिक मशीनें नहीं थी। अस्पताल में नई मशीन स्थापित होने पर सौ से अधिक गांवों के लोगों को सुविधा मिलेगी।
बमियाल (पठानकोट), जेएनएन। सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत मिली है। अब उन्हें पठानकोट स्थित सिविल अस्पताल के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सीएचसी नरोट जयमल सिंह में टीबी टेस्ट की सुविधा मिलेगी। इससे टीबी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों को अब टेस्ट करवाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। सरकार व सेहत विभाग नरोट जैमल सिंह अस्पताल में टीबी टेस्ट आधुनिक मशीन स्थापित की है। यहां पर लोग टीबी लक्षण होने पर निशुल्क जांच करवा सकते हैं। इससे पहले अस्पताल में टीबी टेस्ट करवाने के लिए अत्याधुनिक मशीनें नहीं थी। अस्पताल में ऐसे मरीजों की प्राथमिक जांच के बाद उन्हें सिविल अस्पताल भेजा जाता था।
सौ से अधिक गांवों को सुविधा
अस्पताल में नई मशीन स्थापित होने पर सौ से अधिक गांवों के लोगों को सुविधा मिलेगी। यहां की करीब 70 हजार आबादी को इसका लाभ मिलेगा। बड़ी संख्या में लोग उपचार के लिए नरोट जयमल सिंह अस्पताल में उपचार के लिए आते हैं। ऐसे में अब यहां पर टीबी टेस्ट की सुविधा होने से राहत मिलेगी।
लोग उठाएं फायदा : डा. श्वेता
जिला टीबी अधिकारी डा. श्वेता गुप्ता व सरकारी अस्पताल नरोट जयमल सिंह के सीनियर मेडिकल अधिकारी डा. रविकांत ने बताया कि सेहत महकमे की सुविधा का लाेग लाभ उठाएं। टीबी रोग के प्रति जागरूक बनें व किसी प्रकार के लक्षण या संशय होने पर अस्पताल में आएं। यहां पर उनकी जांच कर रिपोर्ट भी दी जाएगी। इसके साथ ही रोग के उपचार की सुविधा भी सेहत विभाग उपलब्ध करवाएगा। टीबी का उपचार पूरी तरह से संभव है। सेहत विभाग इसकी निशुल्क उपचार सुविधा प्रदान करता है। ऐसे में बिना देरी किए लोग रोग का इलाज करवाएं व स्वस्थ जीवन जीएं।
टीबी रोग के लक्षण : खांसी होना, भूख न लगना, चक्कर आना, सीने में दर्द, रात में पसीना आना, वजन घटना
बचाव : चिकित्सक से जांच व उपचार करवाए, संक्रमित मरीज से दूर रहें, मास्क लगाएं, बच्चों का बीसीजी का टीकाकरण,