चंबा मार्ग की सड़क जर्जर, लोग परेशान
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संवाद सहयोगी, दुनेरा :
पठानकोट-डल्होजी-चंबा मार्ग की सालों से खस्ताहाल दुर्घटनाओं का कारण बन रही है। सड़क पर जगह-जगह गढ्डे होने के कारण वाहन चालकों का यहां से गुजरना दूभर हो चुका है। गढ्डों से बचते हुए वाहन चालक वाहन का नियंत्रण खो देते हैं और एक दूसरे से टकरा जाते हैं। वहीं कई जगहों पर सड़क पर पड़े गढडे इतने गहरे हैं कि वाहन के गुजरते समय गढ्डे के कारण संतुलन ही बिगड़ जाता है जिससे वाहन चालक हादसे का शिकार हो जाते हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन न तो इस रोड का निर्माण करवा रहा है और न ही इस रोड को रिपेयर किया जा रहा है। सरकार का ढीला रवैया और प्रशासन की लापरवाही के नतीजे राहगीरों को भुगतने पड़ रहे हैं। कई बार इस रोड की खस्ताहालत के कारण हो चुके हादसों में लोग नुकसान उठा चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके प्रशासन की सेहत पर कोई असर इसका नहीं हो रहा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार इस सड़क की मरम्मत और निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही है। कभी सरकार तो कभी प्रशासनिक अधिकारियों से इस रोड के निर्माण के लिए मांग की जा चुकी है लेकिन न तो सरकार ने इस ओर कोई ध्यान दिया है और न ही प्रशासन ने कोई ध्यान दिया।
पठानकोट-डल्होजी-चंबा मार्ग बेहद व्यस्त मार्ग है। हिमाचल प्रदेश के डल्होजी एंव चंबा जैसे पर्यटक स्थलों को जाने के लिए लोग इस मार्ग का इस्तेमाल करते हैं। हजारों की संख्या में यहां से वाहन हिमाचल प्रदेश से पठानकोट और पठानकोट से हिमाचल प्रदेश आते-जाते हैं। लेकिन बावजूद इसके इस रोड का कोई हल नहीं निकल रहा है। इस रोड पर दुनेरा से चक्की तक के भाग पर तो हालात ज्यादा ही बुरे हैं। दो राज्यों को जोड़ने वाला यह मार्ग इतनी अहमियत होने के बावजूद भी अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है। लोगों की मांग सालों से यही है कि इस रोड को दुरूस्त किया जाए लेकिन यह सुविधा लोगों को अब तक नहीं मिली है। नतीजतन लोगों के पास सरकार और प्रशासन को कोसने के अलावा कोई भी चारा नहीं है।
मंत्री के बयान से बढ़ी मुश्किलें
स्थानीय लोगों की मानें तो इस रोड की समस्या को हल करना तो दूर सरकार इसमें अड़चनें पैदा कर रही है। स्थानीय गांव सारटी के पूर्व सरपंच राज कुमार राजू, भमलादा से देवराज शर्मा, जीओजी सदस्य शाम ¨सह, अशोक ¨सह धारकलां ने कहा कि इस रोड की थोड़ी बहुत देखरेख ग्रिफ द्वारा की जाती है। लेकिन बीते जुलाई महीने में पंजाब सरकार के मंत्री विजयइंदर ¨सगला के एक बयान के बाद ग्रिफ ने भी इसकी देखरेख करनी छोड़ दी है। जिसके कारण यह रोड और भी जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। बता दें कि विजयइंदर ¨सगला ने बीते जुलाई माह में कहा था कि इस रोड के चक्की से कटोरी बंगला तक के हिस्से के निर्माण कार्य के लिए 31 जुलाई तक टेंडर लगाकर आगे की प्रक्रिया शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन यह काम तो शुरू नहीं हुआ बजाये इसके ग्रिफ ने भी मंत्री द्वारा जिम्मेदारी लेने के बाद देखरेख बंद कर दी है।
निर्माण न हुआ तो करेंगे संघर्ष - अमी चंद
स्थानीय निवासी अमी चंद ने बताया कि उक्त रोड को जल्द से जल्द ठीक किया जाए। लोगों को इससे काफी नुक्सान हो रहा है। इस रोड पर मजबूरी में लोग अपनी जान को खतरे में डाल कर सफर कर रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि जल्दी कदम उठाए। अमी चंद ने कहा कि यदि समय रहते प्रशासन ने इस रोड को दुरूस्त नहीं किया तो संघर्ष की राह अपनाई जाएगी। सरकार के दावे झूठे - राकेश
स्थानीय निवासी राकेश ने कहा कि प्रशासन की लापरवाही के कारण और सरकार की अनदेखी के कारण लोगों को हादसों का शिकार होना पड़ रहा है। सरकार बड़े-बड़े दावे तो करती है लेकिन उन दावों पर खरी नहीं उतरती है। चुनावों के दिनों में राजनीतिक पार्टियों के नुमाईंदे हर समस्या को सुनते हैं लेकिन सत्ता में आने के बाद लोगों की कोई भी सुनवाई नहीं है। लोगों हो रहा नुक्सान - विशाल कुमार
स्थानीय निवासी विशाल कुमार ने कहा कि सरकार की अनदेखी ¨नदनीय है। इस रोड पर कई बार हादसे हो चुके हैं। इन हादसों से प्रशासन और सरकार को सबक ले लेना चाहिए। लेकिन सरकार ने आज तक इन हादसों से सबक लेने की बजाये इन्हें अनदेखा कर दिया है जिस कारण समस्या और भी गंभीर होती जा रही है और लोगों को नुक्सान हो रहा है।