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स्वच्छता में पिछड़ा, 86 पायदान लुढ़ककर 257 पर पहुंचा जिला

शहर को स्वच्छ नहीं आंका गया है। सुधार की बजाय हालात पहले से भी बिगड़ गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 10:36 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 10:36 PM (IST)
स्वच्छता में पिछड़ा, 86 पायदान लुढ़ककर 257 पर पहुंचा जिला

जागरण संवाददाता, पठानकोट : शहर को स्वच्छ नहीं आंका गया है। सुधार की बजाय हालात पहले से भी बिगड़ गए हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर शहर को 257वां स्थान मिला है, जबकि राज्य में इसका स्थान दसवां है। पिछले साल के मुकाबले के मुकाबले स्थिति और भी खराब दर्ज की गई है। राष्ट्रीय स्तर पर 2019 में पठानकोट 171वें स्थान पर रहा था। इस दफा 86 अंकों की गिरावट के साथ शहर पहले दो सौ की सूची में भी जगह नहीं बना पाया है। राष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो 2063 अंक प्राप्त हुए हैं। पिछले साल सातवें स्थान पर रहा पठानकोट इस बार मुक्तसर, मोगा, होशियारपुर जैसे शहरों से भी पिछड़ चुका है।

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स्वच्छता को लेकर ठोस योजना का अभाव

शहर को बेशक नगर निगम का दर्जा मिला हो पर स्वच्छता को लेकर ठोस योजना का अभाव है। कूड़ा निस्तारण की समस्या सबसे बड़ी चुनौती है। रोज सफाई की व्यवस्था तो निगम ने की है पर सड़कों व गलियों में कूड़ा दिखना आम बात है। बाजारों में भी कूड़ा कर्कट साफ दिख जाता है। जबकि, वार्डों में सीवरेज की खुले बहना व नालों का गंदगी से सना होना भी स्वच्छता को ठेंगा दिखाता है। नगर निगम की ठोस योजना के न होने के साथ ही लोगों की सहभागिता भी अभी तक खुलकर सामने नहीं आई है।

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साल रैंकिग राज्य राष्ट्रीय 2017 4 188 2018 9 243 2019 7 171 2020 10 257 ........................

शहरवासियों की भी भूमिका तय हो

- व्यापार मंडल जिला प्रभारी भारत महाजन का कहना है कि स्वच्छता मुहिम में शहरवासियों की भूमिका तय होनी चाहिए। अकेले निगम पर इस जिम्मेदारी को छोड़ देना उचित नहीं होगा। अगर लोग स्वच्छता को अपना कर्तव्य मान लें तो शहर पहले नंबर पर अंकित होगा।

निगम को अपनी कमियां दूरी करनी चहिए

- रोटरी ग्रेटर क्लब के अध्यक्ष संदीप सलारिया का कहना है नगर निगम को स्वच्छता को लेकर गंभीर होना होगा। पहले निगम को अपनी कमियां दूर करनी चाहिए। इसके बाद जनता के दायित्व भी तय करने चाहिए। इस मसले में सख्त कदमों की आवश्यकता है।

कमियों पर देना होगा ध्यान

- डॉ. केडी सिंह ने कहा कि शहर की सड़कों, गलियां, नालों व बाजारों के हाल देखकर स्वच्छता का अंदाजा लगाया जा सकता है। पहले हमें इन कमियों पर ध्यान देना होगा। नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद भी पठानकोट शहर में सुधार होना बाकी है। .........................

सभी को मिलकर करने होंगे प्रयास

नगर निगम के पूर्व मेयर अनिल वासुदेवा का कहना है कि स्वच्छता को लेकर सभी शहर अपने स्तर पर काम कर रहे हैं। पठानकोट ने भी इस दिशा में कई सुधार किए हैं, लेकिन रैंकिग में पिछड़ने से परिणाम सकारात्मक नहीं रहे हैं। थोड़े से प्रयास मिलकर किए जाएं तो शहर को स्वच्छ बनाया जा सकता है। .........................

नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष विभूति शर्मा ने कहा है कि रैंकिग में पिछड़ना चिताजनक है। नगर निगम की तरफ से स्वच्छता को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई। यही कारण रहा कि सर्वेक्षण में पठानकोट अपनी पुरानी जगह भी नहीं बना पाया है।


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