Move to Jagran APP

ऑफर देकर भी 80 करोड़ नहीं वसूल पाया बैंक प्रबंधन

हिदू बैंक के लिए अब एक आखिरी राहत वन टाइम सेटलमेंट पालिसी से दिखती नजर आ रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 10:56 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 10:56 PM (IST)
ऑफर देकर भी 80 करोड़ नहीं वसूल पाया बैंक प्रबंधन
ऑफर देकर भी 80 करोड़ नहीं वसूल पाया बैंक प्रबंधन

संवाद सहयोगी, पठानकोट : हिदू बैंक के लिए अब एक आखिरी राहत वन टाइम सेटलमेंट पालिसी से दिखती नजर आ रही है। लोन वसूली के लिए पिछले सप्ताह जारी हुई ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट पालिसी) के तहत डेढ़ सप्ताह के भीतर बैंक प्रबंधन ने 5 करोड़ 16 लाख रुपये एकत्र किए हैं। साढ़े आठ प्रतिशत प्रतिमाह कपाउंड ब्याज की राहत देते हुए डिफाल्टरों के लिए भी यह पालिसी सबसे उत्तम मानी जा रही है। बैंक प्रबंधन ने भी साफ किया है कि किसी डिफाल्टर की नियत पैसा देने की होगी, तो इस योजना से अधिक वह कोई अन्य राहत नहीं मांगेगा। बैंक को बचाने के लिए प्रबंधन की ओर से डिफाल्टरों की तीन लिस्टें जारी कर जहां 49 डिफाल्टरों को नोटिस जारी किए गए थे। वहीं, दूसरी ओर इन डिफाल्टरों से चार डिफाल्टरों को काबू कर जेल की सलाखों के पीछे भी धकेला जा चुका है। 24 सितंबर को आरबीआइ पुन: रिव्यू करेगा हिदू बैंक की स्थिति

loksabha election banner

हिदू बैंक प्रबंधन की ओर से ओटीएस स्कीम के लिए डिफाल्टरों को एप्लीकेशन दायर करने के लिए भले ही 20 जून तक का समय दिया गया है। प्रबंधन इस स्कीम के तहत अपनी 24 सितंबर को आरबीआइ द्वारा बैंक की रिव्यू होने वाली प्रक्रिया से पहले अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है। इस तिथि पर डिफाल्टर को एक ओर 25 प्रतिशत राशि मौके पर देनी होगी, वहीं दूसरी ओर पोस्टडेटिड चेक भी देने होंगे। दूसरी किश्त का 25 प्रतिशत एक माह बाद देना होगा, जबकि तीसरी किश्त पुन: एक माह बाद 25 प्रतिशत के हिसाब से देनी होगी। अंतिम किश्त के लिए 20 सितंबर 2019 का समय रखा गया है। ऐसा इसलिए है कि 24 सितंबर से पहले बैंक प्रबंधन उस स्लैब को पार करना चाहता है। जिससे बैंक पर पैसे की निकासी के लिए लगी सख्ती को हटाया जा सके। अधिकारियों का मानना है कि एनपीए को नीचे लाकर बैंक पर लगी आरबीआइ की पाबंदियों को कम करना एकमात्र लक्ष्य है।

तीन डिफाल्टरों ने करवाई राशि जमा, 12 ने मांगा अपना हिसाब-किताब : सीईओ

बैंक के सीईओ अमन मेहता ने कहा कि आरबीआइ द्वारा बैंक पर लगाई गई पाबंदी को हटाने के लिए लगातार बैठकें चल रही हैं। ओटीएस स्कीम भी पैसे की रिकवरी के लिए लाई गई है, जिसके तहत अभी तक तीन डिफाल्टर ने अपनी लाखों रुपये की राशि बैंक में जमा करवा दी है। बारह अन्य डिफाल्टारों ने बैंक से अपना हिसाब तैयार करवा लिया है तथा विश्वास दिलाया है कि वह 20 जून से पहले पैसा जमा करवा देंगे। यदि निश्चित समय अवधि के बीच डिफाल्टरों ने पैसा जमा नहीं करवाया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हर हाल में होगी।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.