सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए अब स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट जरूरी नहीं
निजी स्कूल को छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए अब स्कूल लीविग सर्टिफिकेट (एसएलसी) जरूरी नहीं होगा।
जागरण संवाददाता, पठानकोट : निजी स्कूल को छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए अब स्कूल लीविग सर्टिफिकेट (एसएलसी) जरूरी नहीं होगा। विद्यार्थी बिना एसएलसी के दाखिला ले सकेंगे। इस निर्णय से हजारों विद्यार्थियों को राहत मिलेगी, वहीं प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी पर भी अंकुश लग पाएगा।
इससे पहले प्राइवेट स्कूलों को छोड़ कर यदि कोई बच्चा किसी राजकीय स्कूल में दाखिला लेना चाहता है तो उसे एसएलसी की जरूरत पड़ती थी। कोरोना संकट को देखते हुए काफी अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से नाम कटवाकर सरकारी स्कूलों में दाखिला करवा रहे हैं। उनका कहना है इस समय निजी स्कूल संचालक आनलाइन पढ़ाई के नाम पर उनसे हर माह हजारों रुपये वसूल रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि प्राइवेट स्कूल जानबूझ कर उन्हें सर्टिफिकेट जारी नहीं करते। हर माह मनमाने फीस का स्लिप भेजकर तंग किया जा रहा है। इसके लिए बार-बार अभिभावकों के स्कूल में चक्कर कटवाए जाते थे। ऐसे में अभिभावकों को डीसी से लेकर डीईओ के पास शिकायत देनी पड़ती थी। इस सारी स्थितियों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह एक अहम फैसला लिया है। शिक्षा विभाग ने एसएलसी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। अभिभावक के स्वत: घोषणा प्रमाण पत्र के आधार पर होगा दाखिला
अब अभिभावकों को एलएलसी के बदले स्वत: घोषणा पत्र देना होगा। इसमें बच्चों का नाम, पिता का नाम, घर, उम्र, किस स्कूल में बच्चों का दाखिल था, कक्षा आदि से संबंधित जानकारी होगी। इसके आधार पर कोई भी बच्चा किसी भी सरकारी स्कूल में दाखिला ले सकता है। सैकड़ों बच्चों को होगा फायदा : डीईओ
डीईओ सेकेंडरी बलदेव राज ने कहा कि इस फैसले से सैकड़ों बच्चों को फायदा होगा। इसकी जानकारी सभी स्कूलों को दे दी गई है। कोरोना काल में सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढ़ने लगी है।