रेल ट्रैक पर ट्रैक्टर ढो रहा मरम्मत का सामान
कांगड़ा घाटी रेल सेक्शन पर रेलवे ट्रैक्टर-ट्राली के जरिए ट्रैक की मरम्मत करवा रहा है।
विनोद कुमार, पठानकोट : कांगड़ा घाटी रेल सेक्शन पर रेलवे ट्रैक्टर-ट्राली के जरिए ट्रैक की मरम्मत करवा रहा है। रेलवे का तर्क है कि डीएमटी (डिवीजनल मटीरियल ट्रेन) के जरिए ट्रैक की मरम्मत करने में अधिक समय लगता है। इसलिए ट्रैक्टर की बनावट इस प्रकार की है जो आसानी से सारा काम करने में सक्षम है। बुधवार को डल्हौजी रोड से पठानकोट रेलवे स्टेशन तक इस तकनीक से हो रही ट्रैक की मरम्मत को देखने के लिए लोग लाइनों के किनारे खड़े हो गए। रेलवे अधिकारी ने बताया कि इससे पहले रेलवे ट्रैक की मटीनेंस डीएमटी के जरिए होती थी। ट्रैक के दोनों ओर रोड़ी डालने के लिए एक विशेष रेलगाड़ी होती है। ट्रेन में रोड़ी लोड करके कर्मचारी उसे चलती ट्रेन के जरिए ट्रैक के दोनों ओर छोड़ते हैं। बाद में गैंगमैन इसे पूरी तरह से सेट करते हैं। इससे ट्रैक की मजबूती बनी रहती है। इसके अलावा समय पर इंजीनियरिग विभाग ट्रैक की स्पेशल मटीनेंस भी करवाता है, ताकि ट्रेनों का आवागमन सुचारू रूप से चल सके।
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बरसात के मौसम में ज्यादा होगा लाभकारी
रेलवे अधिकारी ने बताया कि ट्रैक्टर को नैरोगेज ट्रैक के डिजाइन अनुसार बनाया गया है। ट्रैक्टर के अगले व पिछले पहियों को रबड़ की बजाय लोहे का बनाया गया है। ट्रैक्टर के पीछे एक ट्राली बनाई गई है जिसमें रोड़ी लोड की जाती है। डीएमटी में यहां ज्यादा लेबर की जरूरत होती है, वहीं उक्त तकनीक में ड्राइवर के साथ केवल दो से तीन कर्मचारियों के साथ काम चलाया जा सकता है। ...........
नैरोगेज सेक्शन को चलाने की तैयारियां शुरू
कोविड-19 में मिल रही छूट के बाद रेलवे ने ब्राडगेज सेक्शन पर चलने वाली ट्रेनों की संख्या को बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसी बात को देखते हुए रेलवे अधिकारियों ने नैरोगेज सेक्शन पर भी तैयारियां तेज कर दी है। अधिकारियों की माने तो अभी कम से कम पंद्रह-बीस दिनों तक तो कांगड़ा घाटी रेल सेवा बहाल नहीं होती। लेकिन, हायर अथारिटी कभी भी ट्रेनें चलने का आदेश जारी कर सकती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पूरे रेल सेक्शन पर ट्रैक की मटीनेंस का काम तेजी से करवाया जा रहा है।