न संगठन न जिलाध्यक्ष, कांग्रेस कैसे लड़ेगी नगर निकाय चुनाव
पौने दो साल से कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी नहीं बनी है।
वीरेन पराशर, पठानकोट : पौने दो साल से कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी नहीं बनी है। आठ माह से जिलाध्यक्ष का पद खाली है। संगठन के नाम पर कांग्रेस पार्टी की निष्क्रियता का इससे बड़ा उदाहरण नहीं हो सकता। जिले में संगठन के नाम पर कांग्रेस का स्तर शून्य पर है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आगामी नगर निकाय चुनाव में बिना संगठन के कांग्रेस पार्टी कैसे दमखम दिखाएगी। जिला संगठन में पार्टी के पास एक जिलाध्यक्ष तक नहीं है, जोकि नेताओं और वर्करों को एकमंच पर ला सके। जबकि निकाय चुनाव में कांग्रेस का मुकाबला चिर प्रतिद्वंद्वी भाजपा से है, जोकि पहले से ही नगर निगम पठानकोट और नगर कौंसिल सुजानपुर पर कब्जा जमाए हुए है। कांग्रेस का ख्वाब दोनों निकायों को अपने अधीन लाना है पर यह पूरा कैसे होगा, इस पर खुद पार्टी के नेता व वर्कर ही असमंजस में हैं। कारण, साफ है कि हाईकमान की सुस्ती ने पठानकोट जिले में संगठन का पौधा पनपने नहीं दिया। पहले संजीव बैंस को जिलाध्यक्ष की कमान तो मिली पर उनका दर्द यह रहा कि अपने कार्यकाल में टीम ही फाइनल नहीं कर सके। बाद में प्रदेश संगठन में फेरबदल के बाद संजीव बैंस भी हटा दिए गए। तब से कांग्रेस में संगठन की सुध न तो हाईकमान ने ली और न ही इसको लेकर पार्टी में से किसी के शब्द बाहर निकले। भले ही पार्टी के पास जिले में दो विधायकों का होना दबदबा जाहिर करता है पर संगठन की कमी से कांग्रेस की कमजोरी साफ झलकती है। इस दफा चुनौती अकेले नगर निकाय के चुनाव की ही नहीं है बल्कि विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल है। यहां की जीत आगामी चुनाव की राह तय करेगी। कांग्रेस के पास इस समय संगठन के बारे में सोचने का समय नहीं है। शायद अब इस तरफ पार्टी कदम भी बढ़ाए तो एक मंच पर नेताओं को लाना भी मुश्किल होगा तो दिल से दिल मिलाना उससे भी कठिन। नगर निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस का आम वर्कर पार्टी के प्रदर्शन को लेकर जितना चिता में है, उसका थोड़ा सा हिस्सा भी अगर हाईकमान सोच ले तो शायद बात कुछ और ही हो।
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कांग्रेस सरकार ने हर क्षेत्र में विकास करवाया है। नगर निकाय पठानकोट एवं सुजानपुर में सरकार ने कार्य किए हैं, लेकिन दोनों निकायों में भाजपा सत्ता में होते हुए भी लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी। कांग्रेस पार्टी जनता के मुद्दों और सरकार के विकास कार्यों पर चुनाव लड़ेगी और जीत भी दर्ज करेगी।
- विनय महाजन, वरिष्ठ कांग्रेस नेता ..................................
कांग्रेस के पास कोई चेहरा नहीं है। संगठन के नाम पर पार्टी की गतिविधियां शून्य है। कांग्रेस अपने संगठन को तैयार नहीं कर सकी तो आम जनता को कौन पूछेगा। कांग्रेस में एकजुटता का पूरी तरह अभाव है। इस बार नगर निकाय चुनाव में भाजपा दोबारा सत्तासीन होगी।
- विपिन महाजन, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य